बदायूँ डीएम निधि श्रीवास्तव ने श्रमिकों को बांटे कम्बल, पंजीकरण कराने पर दिया ज़ोर
योजनाओं की जानकारी देकर श्रमिकों को किया जागरुक
बदायूँ: जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने गुरुवार को नगर के छह सड़का क्षेत्र में श्रमिकों के पंजीकरण एवं जागरूकता कैम्प का आयोजन किया और श्रमिकों तथा जरूरतमंदों को कम्बल वितरित किए। इस अवसर पर डीएम ने श्रमिकों से सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की। साथ ही, उन्होंने श्रमिकों को बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने की सलाह दी, और बताया कि सरकार उनके बच्चों के लिए विभिन्न स्कॉलरशिप योजनाएं प्रदान करती है।
अटल आवासीय विद्यालय की जानकारी दी
डीएम ने बताया कि सरकार ने बरेली में अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना की है, जहां बच्चों को रहने, खाने और शिक्षा की सभी सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जाती हैं। उन्होंने श्रमिकों को इस विद्यालय के बारे में भी जानकारी दी, ताकि वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला सकें।
पंजीकरण के लिए निर्देश
जिलाधिकारी ने श्रम विभाग को निर्देशित किया कि वे बदायूँ लेबर अड्डे पर सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े नौ बजे तक पंजीकरण कैम्प का आयोजन करें, ताकि सभी निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण किया जा सके। इस कैम्प में सहायक श्रमायुक्त अजीत कनौजिया ने श्रमिकों को पंजीकरण प्रक्रिया से अवगत कराया और योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।
पंजीकरण की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
अजीत कनौजिया ने बताया कि पंजीकरण के लिए श्रमिक के पास आधार कार्ड, आधार से लिंक मोबाइल नंबर और बैंक खाता होना आवश्यक है। पंजीकरण किसी भी जनसुविधा केन्द्र पर कराया जा सकता है और पंजीकरण शुल्क 40 रुपये है। इसके अलावा, श्रमिकों के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन भी जनसुविधा केन्द्रों से किया जा सकता है।
श्रमिकों के लिए प्रमुख योजनाएं
अजीत कनौजिया ने श्रमिकों को योजनाओं की जानकारी दी, जिनमें प्रमुख योजनाएं शामिल हैं:
- मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना: इस योजना के तहत, श्रमिकों को पुत्र होने पर 20,000 रुपये और पुत्री होने पर 25,000 रुपये की धनराशि मिलती है।
- पुत्री विवाह सहायता योजना: श्रमिकों की पुत्री के विवाह के लिए 55,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है।
- सन्त रविदास शिक्षा सहायता योजना: इस योजना के तहत श्रमिकों के बच्चों को वजीफा दिया जाता है।
- दुर्घटना और मृत्यु सहायता योजना: दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये और सामान्य मृत्यु की स्थिति में 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
इस मौके पर श्रमिकों को इन योजनाओं का अधिकतम लाभ लेने के लिए प्रेरित किया गया।