ऑस्ट्रिया: ऑस्ट्रिया के विएना में एक बुजुर्ग दम्पति ने अपने बार-बार शादी और तलाक लेने से सभी को चौंका दिया। यह जोड़ा पिछले 43 वर्षों में 12 बार एक-दूसरे से शादी कर चुका है और फिर कुछ साल बाद तलाक ले लिया। शुरू में यह एक रोमांटिक कहानी की तरह लगता था, लेकिन यह मामला कानूनी खामियों का फायदा उठाने और वित्तीय लाभ प्राप्त करने का निकला, जिससे कई लोग हैरान रह गए।
बार-बार शादी और तलाक की वजह
आजकल तलाक और पुनर्विवाह असामान्य नहीं हैं, लेकिन इस जोड़े के बार-बार विवाह से जुड़ी असामान्य परिस्थितियों ने सबका ध्यान खींच लिया। वियना में रहने वाले इस बुजुर्ग जोड़े ने हर दो से तीन साल में एक-दूसरे से शादी की, लेकिन हर बार कुछ समय बाद तलाक हो जाता था।
इतना ही नहीं, इस जोड़े ने चार दशकों से अधिक समय एक ही घर में बिताया था, जिससे पड़ोसी उन्हें एक प्यारी जोड़ी के रूप में देखते थे। लेकिन उनकी बार-बार शादी और तलाक लेने की आदत के पीछे की सच्चाई प्रेम कहानी से बिल्कुल अलग थी।
सरकारी योजना का फायदा उठा रहे थे
असल में, यह जोड़ा ऑस्ट्रियाई सरकार द्वारा विधवाओं को सहायता देने के लिए बनाई गई एक योजना का फायदा उठा रहा था। ऑस्ट्रियाई कानून के अनुसार, अकेले रहने वाली महिलाओं को $28,300 (लगभग 24 लाख रुपये) का सरकारी भत्ता मिलता है। लेकिन यह भत्ता केवल तब दिया जाता है जब महिला कानूनी रूप से अपने पति से तलाक लेती है।
इस जोड़े ने यह तरीका अपनाया कि वे एक-दूसरे से शादी करते थे, फिर कुछ समय बाद तलाक ले लेते थे, जिससे महिला को हर बार विधवा भत्ता मिल जाता था। इस तरह वे बार-बार शादी और तलाक करके वित्तीय लाभ प्राप्त कर रहे थे।
मामला खुला और धोखाधड़ी के आरोप
मई 2022 में, जब महिला अपने 12वें तलाक के बाद पेंशन बीमा संस्थान गई, तो इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। जांच के दौरान यह पता चला कि महिला और उसके पति का तलाक एक सोची-समझी योजना का हिस्सा था, जो वित्तीय लाभ के लिए किया जा रहा था।
यह खुलासा होने के बाद इस दंपत्ति के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। चूंकि उनका 12वां तलाक अभी भी लंबित है, इसलिए दोनों व्यक्तियों को अब अपने कार्यों के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने अब इस मामले की बारीकी से जांच शुरू कर दी है और यह भी देखा जा रहा है कि क्या अन्य जोड़ों ने भी इसी तरह से सिस्टम में हेरफेर किया है।
यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि कानूनी खामियों का फायदा उठाकर लोग कई बार नियमों और सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग कर सकते हैं। इस मामले से यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार को ऐसी योजनाओं के तहत बेहतर निगरानी और नियमों की सख्तता की आवश्यकता है।