नीति आयोग की ओर से आकांक्षी जिलों की रैंकिंग में औरंगाबाद पहले स्थान पर, जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री किए जाएंगे सम्मानित

उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए औरंगाबाद को मिलेगा 10 करोड़ रुपए का पुरस्कार

औरंगाबाद (बिहार) । नीति आयोग की ओर से जारी ताजा आकलन में औरंगाबाद जिले ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत बिहार में पहला स्थान प्राप्त किया है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए नीति आयोग ने औरंगाबाद जिले को 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन दिया है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर औरंगाबाद की इस उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री को सम्मानित करने और उन्हें बेहतर सेवा प्रविष्टि देने की अनुशंसा की है। आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत जिलों का मूल्यांकन स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, बुनियादी ढांचे और वित्तीय समावेशन जैसे मानकों पर किया जाता है।
जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने इस उपलब्धि के लिए औरंगाबाद की जनता, जिला प्रशासन की टीम और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। श्री शास्त्री ने खास बातचीत में कहा कि “यह उपलब्धि जिले के हर नागरिक की भागीदारी और मेहनत का परिणाम है। प्रशासन और जनता के सहयोग से हम और बेहतर करेंगे।” नीति आयोग द्वारा अतिरिक्त राशि आवंटित करने से जिले में विकास कार्यों को और गति मिलेगी। इस फंड का उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण में किया जाएगा, आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत मिली इस पहली रैंकिंग से औरंगाबाद जिले को आने वाले समय में और अधिक केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिलने की उम्मीद है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के सुदूरवर्ती और नक्सल प्रभावित इलाके में आकांक्षी जिला तथा विशेष केंद्रीय सहायता कार्यक्रम के तहत विकास योजनाओं का कार्यान्वयन किए जाने से विकास की गति तेज हो सकी और इससे नक्सली समस्या पर लगभग पूरी तरह काबू पा लिया गया । इन इलाकों में पहले जहां पहुंचना अत्यंत कठिन था, शिक्षा तथा स्वास्थ्य की सुविधाएं नगण्य थीं , वहां अब सरपट गाड़ियां दौड़ रही हैं और अस्पताल तथा विद्यालय खुल जाने से लोगों को सुविधाएं मिल रही हैं ।

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