
रामराज। हैदरपुर वेटलैंड के निकट वन विभाग के द्वारा किसानों के खेतों का रास्ता बन्द करने पर आक्रोशित किसानों ने वनक्षेत्राधिकारी पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा-प्रदर्शन किया।
रामराज क्षेत्र के हैदरपुर वेटलैंड के निकट ग्राम देवल अहमदवाला,अल्लुवाला,रामराज सहित दर्जनों किसानों के खेत है यही पर कुछ प्लेजियो ने किसानों के तालाबो को ठेके पर लेकर यहा पर सिंघाडो की फसल भी लगाई हुई है तथा आरोप है कि उक्त किसानों के खेत का रास्ता हैदरपुर वेटलैंड के मुख्य द्वार से होकर निकलता है। किन्तु वन विभाग के वनक्षेत्राधिकारी द्वारा तानाशाही के चलते यह रास्ता बन्द कर इस पर किसानों के वाहन के आवागमन पर रोक लगा दी। किसान अमृतपाल सिंह, सुनील कुमार,अनिल कुमार आदि का कहना है कि उक्त मामले में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल डीएफओ मिला था जिस पर उन्होंने रास्ता बन्द न करने का आश्वासन भी दिया था।

किन्तु वनक्षेत्राधिकारी ने यह रास्ता अपने चहेतों के लिए खोल रखा है व किसानों के लिए बन्द कर दिया आरोप है कि रास्ता बन्द हों जाने के कारण किसानों व प्लेजियो की फसल भी नही निकल पा रही है जिस कारण उनकी फसल बर्बाद होने के कगार पर आ गई है। जिसकी जानकारी लगते ही सैकड़ो किसान मौके पर पहुच गए रास्ता खोलने के लिए जमकर हंगामा प्रदर्शन किया। और मौके पर वनक्षेत्राधिकारी को मौके पर बुलाने को मांग करने लगे किन्तु वनक्षेत्राधिकारी के बाहर होने के कारण वह मौके पर नही पहुच सके जिस पर किसान आक्रोशित हो गए। किसानों का आक्रोश बढ़ता देख हैदरपुर वेटलैंड पर तैनात कर्मचारियों ने रास्ता खोलकर किसानों को बामुश्किल शान्त किया। इस दौरान हंगामा- प्रदर्शन करने वालो में अनिल कुमार सुनील कुमार राजेंद्र कुमार प्रिया वंश सनी गुरजीत त्रिलोक सिंह हुकुमचंद शर्मा जितेंद्र जसराम अरुण अमित आदि मौजूद रहे।
इन्होंने कहा-
यह आम रास्ता नही वेटलैंड का रास्ता है। किसानों को अगले वर्ष से अलग रास्ता बनाने व मानवता के आधार पर इस वर्ष उनकी फसल निकालने के लिए शाम का समय दिया गया था। रास्ते पर आवागमन से वेटलैंड के पशु-पक्षियों की शान्ति भंग होती है।
रविकान्त चौधरी वनक्षेत्राधिकारी