अलवर: अमूल्य भारत फाउंडेशन चेरिटेबल ट्रस्ट, अलवर द्वारा देश के महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद जी की पुण्यतिथि श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर फाउंडेशन के देवराज शर्मा ने कहा कि भारत को स्वतंत्र कराने के लिए कई वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी, उन्हीं में से एक महान सेनानी चंद्रशेखर आजाद भी थे।
उन्होंने बताया कि चंद्रशेखर आजाद का असली नाम चंद्रशेखर तिवारी था, लेकिन उनकी वीरता और अंग्रेजों के खिलाफ उनके दृढ़ संकल्प के कारण वे “आजाद” के नाम से मशहूर हुए। उनकी अमर पंक्ति “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, हम आजाद थे, आजाद हैं और आजाद रहेंगे” आज भी देशभक्ति की भावना को प्रबल करती है।
27 फरवरी 1931 को चंद्रशेखर आजाद ने प्रयागराज के एक पार्क में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए वीरगति प्राप्त की थी। आज उसी स्थान को “चंद्रशेखर आजाद पार्क” के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बचपन से ही अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करने की ठानी थी और अपनी अंतिम सांस तक आजादी की लड़ाई लड़ते रहे।
फाउंडेशन के सदस्यों ने आजाद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके बलिदान को नमन किया और युवाओं से राष्ट्रप्रेम व देशसेवा की प्रेरणा लेने की अपील की।