अमृतसर : अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए 116 भारतीयों का दूसरा जहाज अमृतसर पहुंचा

अमृतसर : कल अमेरिका से डिपोर्ट होकर भारतीयों का दूसरा जहाज अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। इस जहाज में करीब 116 भारतीय नागरिक थे, जिनमें से लगभग 65 पंजाबी नौजवान थे। इनमें से एक पंजाबी युवक हरप्रीत सिंह भी था, जो अमृतसर के हल्का मजीठा के गांव घनश्याम पूरा का निवासी है।

हरप्रीत सिंह की दारुण स्थिति
23 वर्षीय हरप्रीत सिंह के घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। उसकी मां घरों में काम करती हैं, जबकि पिता अपंग हैं और चलने-फिरने में असमर्थ हैं। हरप्रीत का एक छोटा भाई है, जो सलून में काम करता है, और एक छोटी बहन है, जो पढ़ाई कर रही है। हरप्रीत सिंह के परिवार की जिम्मेदारी उसकी मां पर है, जो घर-घर काम करके किसी तरह परिवार का पालन करती हैं।

हरप्रीत सिंह का विदेश जाने का सफर
हरप्रीत सिंह ने बताया कि वह पिछले साल जुलाई में इटली गया था और फिर एक एजेंट से बात कर अमेरिका जाने का निर्णय लिया। उसने 40 लाख रुपए का खर्चा करके अमेरिका के लिए यात्रा शुरू की। लेकिन 24 जनवरी को कैलिफोर्निया में उसे पकड़ लिया गया। हरप्रीत ने बताया कि अमेरिका पहुंचने के लिए वह मेक्सिको के रास्ते से गया था और फिर जंगलों से होते हुए वहां पहुंचा। उसने बताया कि यात्रा के दौरान वह अकेला पंजाबी था, जबकि उसके साथ 12 हरियाणा के लोग थे।

अमेरिका में मुश्किलें और जुल्म
हरप्रीत ने बताया कि यात्रा के दौरान उन्हें बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। रास्ते में माफिया राज चलता था और कई बार उन्हें लूटा गया। खाने के लिए सिर्फ कुरकरे दिए जाते थे, और रातें जंगलों में गुजारनी पड़ती थीं। अमेरिका पहुंचने के बाद वहां के सैनिकों ने भी बहुत जुल्म किया और उन्हें जंजीरों से बांधकर भारत वापस भेज दिया।

परिवार और गांव का दर्द
हरप्रीत सिंह के परिवार और गांव के सरपंच ने बताया कि यह एक बहुत गरीब परिवार है। घर की स्थिति सुधारने के लिए हरप्रीत सिंह विदेश गया था, लेकिन अब उसकी गिरफ्तारी के बाद परिवार की हालत और भी खराब हो गई है। गांव के लोग सरकार से अपील कर रहे हैं कि हरप्रीत सिंह और उसके परिवार की मदद की जाए और एजेंट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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