विभागीय उदासीनता के चलते भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई अमृत सरोवर योजना: कुमारी सैलजा

ऐलनाबाद: पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है, और सरकार इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। खासकर जल संरक्षण के लिए शुरू की गई अमृत सरोवर योजना, विभागीय उदासीनता और भ्रष्टाचार के कारण नाकाम हो गई है। कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार हर मंच से यह दावा कर रही है कि भ्रष्टाचार खत्म हो चुका है, लेकिन तालाबों के सौंदर्यकरण की आड़ में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।

कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि अमृत सरोवर योजना का उद्देश्य जल संरक्षण था, जिसके तहत हर जिले में 75 तालाबों का सौंदर्यकरण किया जाना था। इसके तहत तालाबों की गाद बाहर निकालने, किनारे पक्के करने, सड़कें बनाने, पौधारोपण करने और लाइटें लगवाने का काम शामिल था। योजना के अंतर्गत 2118 तालाबों का सौंदर्यकरण किया जाना था, और इसके लिए 57489.30 लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस योजना के तहत कागजों में काम तो हुआ, लेकिन वास्तविकता में कुछ तालाबों की मिट्टी निकालकर काम बीच में ही छोड़ दिया गया। सरकार के लाख दावों के बावजूद भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए। कुमारी सैलजा ने कहा कि सिरसा जिले में 141 तालाबों का सौंदर्यकरण होना था, लेकिन बाद में इनकी संख्या घटाकर 77 की गई, और इनमें से 54 तालाबों की मिट्टी निकालने के बाद काम को बीच में ही छोड़ दिया गया।

कुमारी सैलजा ने कहा कि 950 शिकायतों के बावजूद सरकार ने इस मुद्दे की गंभीरता से जांच नहीं की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ईमानदारी का दावा करती है, तो उसे अमृत सरोवर योजना में हुए घोटाले की निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए।

उनका कहना था कि सिरसा जिले में जिन गांवों में तालाबों का सौंदर्यकरण होना था, वहां के सरपंच और ग्रामीण कई बार शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

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