नई दिल्ली: मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग के चलते तनाव बढ़ गया है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल और अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब देने की धमकी दी है, जिसके बाद से अमेरिका सक्रिय हो गया है।
ईरान की धमकी के मद्देनजर अमेरिका ने अपने परमाणु बमवर्षक बी-52 को मिडिल ईस्ट में तैनात करने का निर्णय लिया है। यह कदम न केवल ईरान के संभावित हमले को रोकने के लिए है, बल्कि इजरायल को भी जवाबी कार्रवाई में सहायता प्रदान करेगा।
खामेनेई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि “दुश्मन चाहे इजरायल हो या अमेरिका, जो भी ईरान और उसके सहयोगियों को चोट पहुंचा रहा है, उसे करारा जवाब मिलेगा।” इस धमकी के बाद इजरायल पर हमले का खतरा बढ़ गया है।
इस बीच, अमेरिका की सेना पूरे पश्चिम एशिया में सक्रिय है और इजरायल में ‘टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस’ (थाड) प्रणाली का प्रबंधन कर रही है। अमेरिका ने पहले से ही ‘यूएसएस अब्राहम लिंकन’ विमानवाहक पोत को अरब सागर में तैनात कर रखा है। पेंटागन ने कहा है कि ईरान और उसके उग्रवादी सहयोगियों को रोकने के लिए अधिक विध्वंसक, लड़ाकू स्क्वाड्रन, टैंकर और बी-52 बमवर्षक क्षेत्र में पहुंचेंगे।
बी-52 बमवर्षक अत्यधिक शक्तिशाली और खतरनाक है, जो लंबी दूरी तक मिशन पर जा सकता है। इसकी रेंज लगभग 14,000 किलोमीटर है और यह 32,000 किलोग्राम वजन तक के हथियार ले जा सकता है।
इस समय इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष और भी खतरनाक होता जा रहा है, जहां लेबनान में इजरायली हवाई हमले बढ़ गए हैं। इन हमलों में अब तक करीब 2,000 लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
इस तरह की घटनाओं और ईरान की धमकियों के बीच अमेरिका ने अपने मित्र देश इजरायल की मदद के लिए यह निर्णायक कदम उठाया है।