अमृतसर : अमृतसर के एक पिता और बेटी ने अपनी कला से पूरी दुनिया में नाम कमाया है। 26 वर्षीय प्रियंका ने अपनी कला के जरिए न सिर्फ राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कार जीते, बल्कि अमृतसर की आर्ट गैलरी में अपनी प्रदर्शनी भी आयोजित की है, जिसमें उनकी कला ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। उनके चित्र सिर्फ कला नहीं, बल्कि भावनाओं का सजीव चित्रण हैं, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं।
प्रियंका की कला यात्रा
प्रियंका ने अपनी कला की शुरुआत तीन साल की उम्र में अपने पिता से की थी। उनके पिता, नरिंदर सिंह, भी एक कलाकार हैं, जिन्होंने अपनी बेटी को कला के क्षेत्र में मार्गदर्शन दिया। प्रियंका ने बताया कि वह महज तीन साल की उम्र से अपने पिता के साथ कला का अभ्यास कर रही थीं और आज वह मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स के अंतिम सेमेस्टर में हैं। प्रियंका के अनुसार, उन्होंने 200 से अधिक चित्र बनाए हैं और लकड़ी पर काम करते हुए उन्हें यह विचार आया कि वह कैनवास पर भी उसी तरह की कलाकृतियाँ बनाएं।
कला में विशेष पहचान
प्रियंका की कला में लकड़ी के नक्काशी से लेकर जल रंगों और कोयले के उपयोग तक, हर चित्र में एक अनोखी कहानी बयां होती है। उन्होंने शिमला, जालंधर, धर्मशाला और दिल्ली जैसे स्थानों पर अपनी कला प्रदर्शित की है और हमेशा ही वहां दर्शकों से सराहना प्राप्त की है। प्रियंका ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया, जो उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शक रहे हैं।
पिता का गर्व और समर्थन
प्रियंका के पिता नरिंदर सिंह ने अपनी बेटी की सफलता पर गर्व महसूस करते हुए कहा, “जब मैंने देखा कि मेरी बेटी ने प्रमोशन में शो किया है, तो मुझे बहुत खुशी हुई।” उन्होंने यह भी कहा कि हर पिता चाहता है कि उसका बच्चा आगे बढ़े, और बच्चों की भावनाओं को समझना बहुत जरूरी है। नरिंदर सिंह ने यह भी बताया कि यदि माता-पिता अपने बच्चों की भावनाओं को समझें और उनका समर्थन करें, तो बच्चे कभी भी मानसिक दबाव में नहीं आएंगे।