अलवर: दलितों पर तहसीलदारी हंटर, वन अधिनियम धारा 20 का सीधा उल्लंघन
सरिस्का वन क्षेत्र में वन अधिनियम का उल्लंघन
अलवर: अलवर के सरिस्का वन क्षेत्र में वन अधिनियम की कई धाराएं पूरी तरह से प्रभावी हैं, और इन धाराओं का उल्लंघन वन अपराध की श्रेणी में आता है। लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि क्या तहसीलदार भज्जी भैय्या द्वारा वन अधिनियम और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होगा, या यह केवल आम नागरिकों पर ही लागू होता है?
वन अधिनियम और NGT के आदेशों का उल्लंघन
तहसीलदार भज्जी भैय्या ने खुलकर वन अधिनियम का उल्लंघन किया है और उनके द्वारा एनजीटी के आदेशों की अनदेखी की गई है। एनजीटी के प्रभावी आदेशों के अनुसार, वन क्षेत्र की सीमा में 1 किलोमीटर का दायरा वन विभाग के नाम पर दर्ज किया जाना चाहिए। लेकिन तहसीलदार ने इस आदेश का सीधा उल्लंघन करते हुए, एनजीटी के निर्धारित दायरे के आसपास भी गतिविधियाँ कीं।
तहसीलदार की जिम्मेदारी और सत्ता का दुरुपयोग
तहसीलदार भज्जी भैय्या को यह पद, यह शक्ति और कलम की ताकत गरीबों और पीड़ितों की सहायता करने के लिए मिली थी। उनकी जिम्मेदारी थी कि वह कानून के दायरे में रहते हुए सभी नागरिकों को न्याय प्रदान करते। लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या यह सब सिर्फ आम आदमी पर लागू होता है, और क्या प्रशासनिक अधिकारियों को इससे बचने का अधिकार है?
इस मामले में अब यह देखना होगा कि क्या प्रशासन इस गंभीर उल्लंघन पर कोई कार्रवाई करेगा या इसे नजरअंदाज किया जाएगा।