अलवर: खुलेआम शराबखोरी बनी बड़ी समस्या, प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल

अलवर, 11 फरवरी – अलवर शहर में खुलेआम शराब सेवन का चलन बढ़ता जा रहा है, जिससे कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। शहर के कई हिस्सों में सार्वजनिक स्थानों, मुख्य मार्गों, पार्किंग स्थलों, शैक्षिक संस्थानों और आवासीय इलाकों में लोग बिना किसी भय के शराब पीते हुए देखे जा सकते हैं।

शहर बना “अघोषित खुला अहाता”
अलवर में हालात ऐसे बन चुके हैं कि यहां कोई भी कहीं भी गाड़ियों में बैठकर या खुलेआम सड़क पर शराब का सेवन कर सकता है। प्रशासन की लापरवाही और कानून लागू करने में असफलता ने लोगों को “कानून को मज़ाक” समझने की छूट दे दी है।

ऐसे माहौल में जब लोग नशे में तेज रफ्तार गाड़ियां चलाते हैं, तो सड़क दुर्घटनाएं कोई नई बात नहीं रह जाती।

आमजन में भय, अपराधियों में विश्वास
प्रशासन की निष्क्रियता के कारण कानून का डर लगभग समाप्त हो गया है।

आम नागरिकों को भय रहता है, जबकि अपराधियों में निर्भयता बढ़ती जा रही है।
लोग अनावश्यक झगड़ों से बचने के लिए ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करने से कतराते हैं।
शराब सेवन: वैध व्यवसाय लेकिन अनियंत्रित अपराध
शराब बिक्री एक कानूनी व्यवसाय है और शराब पीना व्यक्तिगत पसंद हो सकता है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर इसका सेवन अशोभनीय, असामाजिक और कानूनन अपराध है।
अलवर पुलिस और जिला प्रशासन की निष्क्रियता से लोगों में कानून का डर समाप्त हो चुका है, जिससे वे बेखौफ होकर कहीं भी शराब पी रहे हैं।
शासन-प्रशासन कब जागेगा?
अलवर में शहर का माहौल लगातार बिगड़ता जा रहा है, लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। अगर स्थिति पर अभी ध्यान नहीं दिया गया, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है।

“आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय” का नारा अब उलटता जा रहा है। यदि अलवर पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो कानून व्यवस्था और भी खराब हो सकती है।

👉 क्या प्रशासन अब भी आंखें मूंदे रहेगा, या कार्यवाही करेगा?

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