प्रशासन की पेयजल समस्या से निपटने की धरी रह गई तमाम योजना

जलदाय विभाग के सिविल हाईटेक इंजीनियर बीस दिन में भी बोरिंग को नहीं कर सकें दुरुस्त वार्ड 25 में बीस दिन से नलों में नहीं दाका पानी

  • रिपोर्ट: राजीव श्रीवास्तव

अलवर शहर के वार्ड 25 में विशेष कर हनुमान मंदिर के पीछे,मेहंदी बाग में पिछले बीस दिन से पेयजल संकट गहराया हुआ है।ऐसी स्थिति में लोग आरओ के वेस्ट पानी या फिर धनाढ्य परिवार खरीदकर पानी की पूर्ति कर रहे है। अफसोस यह है कि पिछले बीस दिन से बोरिंग में जलदाय विभाग के सिविल इंजीनियर मोटर नहीं डाल पा रहे है।दरअसल हनुमान मंदिर मेहंदी बाग में एक बोरिंग है।उस बोरिंग की करीब बीस दिन पहले मोटर खराब हो गई।क्षेत्र के लोगों के दस चक्कर लगाने के बाद जलदाय विभाग के सिविल इंजीनियरों ने एक जंग लगी जीप के साथ दो मजदूर भेजे,लेकिन बोरिंग से सभी पाइप निकालने में असफल रहे फिर एक अन्य जीप के साथ दो मजदूर आए,काफी मशक्कत के बाद तमाम पाइप और मोटर निकाली गई।कुछ दिन बाद मोटर सही होकर आ गई लेकिन वापस बोरिंग में पाइप नहीं डाल सके।ताज्जुब यह है कि इस दौरान मौके पर एक भी सिविल इंजीनियर नहीं पहुंचा और यह समस्या आज तक बरकरार है।दूसरी तरफ वार्ड के नागरिकों को जलदाय विभाग ने पानी के टैंकर भेजने की भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं क़ी है। जलदाय विभाग के सिविल इंजीनियर यह भी स्प्ष्ट नहीं कर पा रहे है कि बोरिंग वेस्ट हो चुकी है या फिर बोरिंग का पानी वार्ड वासियों को फिर से मिल सकेगा।
कहने को तो जलदाय विभाग के अधिकारियों की जिला के आला अफसर मीटिंग लेकर निर्देश देते रहते है,लेकिन लगता है ये निर्देश जलदाय विभाग के अधिकारियों के पल्ले नहीं पड़ते है।कमबख्त डबल इंजन के शासन और प्रशासन ने ईआरसीपी योजना का सपना दिखाकर जिले की जनता को पेयजल संकट में झोंक दिया है।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.