अखंड ज्योति ने नेत्र देखभाल में क्रांति लाने के लिए विजन 2030 किया लॉन्च
पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा का हुआ अनावरण
छपरा/पटना: छपरा के मस्तीचक में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल ने विजन 2030 लॉन्च किया, जो बिहार में नेत्र देखभाल में क्रांति लाने के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल है। इस कार्यक्रम में गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की 50 फीट ऊंची प्रतिमा का भी अनावरण किया गया, जो आचार्य जी के निस्वार्थ सेवा और समाज के प्रति उनके योगदान को सम्मानित करता है।
कार्यक्रम में विजन 2030 की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई, जिसका उद्देश्य बिहार में नेत्र देखभाल सेवाओं में एक बड़ा बदलाव लाना है। इस योजना के तहत, सर्जिकल क्षमता को चौगुना करना, ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना और वंचित समुदायों के लिए नवाचार को बढ़ावा देना मुख्य लक्ष्य हैं। विजन 2030 का उद्देश्य है कि 2030 तक सर्जिकल आउटपुट को 1,00,000 से बढ़ाकर 4,00,000 वार्षिक सर्जरी तक लाया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली नेत्र देखभाल मिल सके।
विजन 2030 के प्रमुख लक्ष्य:
1,00,000 से 4,00,000 वार्षिक सर्जरी तक सर्जिकल आउटपुट को चौगुना करना।
अगले 6 वर्षों में 12 मिलियन व्यक्तियों की जांच और 2 मिलियन दृष्टि-बहाली सर्जरी करना।
1,500 वंचित ग्रामीण लड़कियों को ऑप्टोमेट्रिस्ट के रूप में प्रशिक्षित करना।
50 शोध पत्रों और परियोजनाओं के साथ नवाचार को बढ़ावा देना और डेटा-संचालित ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल मॉडल तैयार करना।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि नंदकिशोर यादव, अनूप जलोटा, शेफाली पांड्या और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन से की गई। इसके बाद, भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया और विपिन मिश्रा ने शंखनाद की अद्भुत प्रस्तुति दी।
विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नेत्रदान का महत्व समझते हुए उन्होंने भी परिवार की सहमति से नेत्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने अखंड ज्योति अस्पताल की इस पहल की सराहना करते हुए इसे एक अद्भुत कार्य बताया और सभी को शुभकामनाएं दीं।
अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल के संस्थापक और कार्यकारी सदस्य मृत्युंजय कुमार तिवारी ने कहा, “विजन 2030 का उद्देश्य बिहार में परिहार्य अंधेपन को समाप्त करना है। यह समाज और व्यक्तियों को सशक्त बनाते हुए स्वास्थ्य सेवा में बदलाव का एक प्रयास है।” उन्होंने पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य और शुक्ला बाबा का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि 2005 में अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल की स्थापना एक मंदिर परिसर में 10 बिस्तरों के साथ हुई थी, और आज यह अस्पताल एक अत्याधुनिक केंद्र बन चुका है जो 50 लाख से अधिक लोगों की जांच और 10 लाख से अधिक लोगों को दृष्टि बहाल कर चुका है।
इस कार्यक्रम ने अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल की प्रभावशाली यात्रा को प्रदर्शित किया और यह संकल्प लिया गया कि विजन 2030 के तहत बिहार में नेत्र देखभाल की सेवाओं में सुधार और क्रांतिकारी बदलाव लाया जाएगा।