कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बढ़ाई मूंगफली और सोयाबीन की खरीद अवधि, दालों की 100% खरीद को भी दी मंजूरी

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न राज्यों में मूंगफली और सोयाबीन की खरीद अवधि बढ़ाने को मंजूरी दी है। इसके अलावा, अगले चार वर्षों तक तुअर, मसूर और उड़द की 100% खरीदी को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। केंद्रीय सरकार ने 15वें वित्त आयोग चक्र के तहत 2025-26 तक एकीकृत प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को जारी रखने का निर्णय लिया है, जिसमें मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य कमी भुगतान योजना (पीडीपीएस), बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) और मूल्य स्थिरीकरण निधि (पीएसएफ) जैसे महत्वपूर्ण घटक शामिल हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम आशा योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराना है।

सोयाबीन और मूंगफली की खरीद को मिली मंजूरी
केंद्रीय कृषि मंत्री ने 2024-25 के खरीफ सीजन के लिए छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना में सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दी है। 9 फरवरी 2025 तक 19.99 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) सोयाबीन की खरीद की गई है, जिससे 8,46,251 किसान लाभान्वित हुए हैं। श्री चौहान ने महाराष्ट्र में सोयाबीन की खरीद अवधि 90 दिनों की सामान्य अवधि से 24 दिनों और तेलंगाना में 15 दिनों के लिए बढ़ा दी है, ताकि किसानों को अधिक समय मिल सके।

इसके अलावा, सरकार ने खरीफ 2024-25 के लिए आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मूंगफली की खरीद को मूल्य समर्थन योजना के तहत मंजूरी दी है। गुजरात में मूंगफली की खरीद अवधि को 90 दिनों से 6 दिन और कर्नाटक में 25 दिन बढ़ा दिया गया है।

दालों की 100% खरीद को दी मंजूरी
केंद्र सरकार ने दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में योगदान देने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 2024-25 के लिए तुअर, उड़द और मसूर की 100% खरीद की मंजूरी दी है। यह कदम आयात पर निर्भरता कम करने और दालों के घरेलू उत्पादन में वृद्धि करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

इसके अतिरिक्त, 2025 के बजट में यह घोषणा की गई है कि दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से राज्य के उत्पादन के 100% तक तुअर, उड़द और मसूर की खरीद अगले चार वर्षों तक जारी रहेगी। इससे न केवल भारत में दालों का घरेलू उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि आयात पर निर्भरता भी कम होगी, और देश दालों में आत्मनिर्भर बनेगा।

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