ईरानी राष्ट्रपति की मौत के बाद अब ईरान में कब होंगे राष्ट्रपति चुनाव, यहां जानें इलेक्शन प्रॉसेज

नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद राष्ट्रपति की सीट खाली हो गई है. अब ईरानी सरकार की तीन शाखाओं के प्रमुखों ने देश में आकस्मिक राष्ट्रपति चुनाव के लिए 28 जून की तारीख पर सहमति जताई है. तेहरान में प्रेसीडेंसी कार्यालय में आयोजित एक बैठक के दौरान तारीख की पुष्टि की गई.

बैठक में ईरान की कार्यकारी शाखा के प्रमुख मोहम्मद मोखबर, संसद अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर गालिबफ और न्यायपालिका प्रमुख घोलम-होसैन मोहसेनी-एजेई ने भाग लिया. पूर्वी अज़रबैजान प्रांत में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति राईसी की मौत के बाद इस सत्र में तीन अधिकारियों के बीच कुछ घंटों के अंदर ये दूसरी बैठक हुई.

ईरानी संविधान के अनुच्छेद 131 के अनुसार, देश के शीर्ष तीन अधिकारियों को मौजूदा राष्ट्रपति की मृत्यु या अक्षमता के 50 दिनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है. सोमवार को हुई बैठक में कानूनी मामलों के लिए ईरानी उपाध्यक्ष मोहम्मद देहगान, गार्जियन काउंसिल के उपाध्यक्ष सियामक रहपेयकंद और राजनीतिक मामलों के उप आंतरिक मंत्री मोहम्मद तगी शाहचेराघी की उपस्थिति देखी गई.

ईरान में कैसे होता है चुनाव?
भारत में चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होती है, लेकिन ईरान में गार्डियन काउंसिल चुनाव कराती है. यह सुप्रीम लीडर की देखरेख में 6 इस्लामी जजों और 6 वरिष्ठ मौलवियों का एक पैनल होता है. यह पैनल तकनीकी और वैचारिक आधार पर चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों की जांच करता है. इसमें शिक्षा का स्तर, इस्लाम के प्रति प्रतिबद्धता, संविधान और इस्लामी गणतंत्र के मूल्य शामिल हैं.

रिपोर्ट बताती हैं कि गार्डियन काउंसिल ने कभी महिलाओं को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी. पिछले चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए 592 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था, लेकिन गार्डियन काउंसिल ने केवल 7 उम्मीदवारों को ही चुनाव लड़ने की अनुमति दी और बाकी के नामों को खारिज कर दिया. इनमें इब्राहिम रईसी, मोहसिन रेज़ाई, सईद जलीली, सुधारवादी नेता मोहसिन मेहरालिज़ादेह, अब्दुल नासिर हिम्मती, अली रज़ा जकानी और आमिर हुसैन काजीजादे हाशमी शामिल हैं, इनमें से कुछ ने बाद में नाम भी वापस ले लिए थे.

ईरानी संसद में 290 सदस्यों का होता है चुनाव
हर 4 साल में ईरानी संसद के 290 सदस्य चुने जाते हैं. संसद कानून का मसौदा तैयार कर देश के बजट को मंजूरी देती है. हालांकि, संसद पर गार्जियन काउंसिल का नियंत्रण है, जो प्रभावशाली बॉडी है. ये शरिया या इस्लामी कानून की नजर से सभी कानूनों की जांच करता है और कानून रद्द कर सकता है. काउंसिल के आधे सदस्य सुप्रीम लीडर ही नियुक्त करता है. सुप्रीम लीडर ही न्यायपालिका के प्रमुख की नियुक्ति करता है.

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