रामपुर: रामपुर में कांग्रेस नेताओं को पुलिस प्रशासन ने घरों पर नज़रबन्द कर दिया। यह कार्रवाई कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय द्वारा संभल जाने की घोषणा के बाद की गई, जिसके बाद जिले के कांग्रेस कार्यकर्ता सक्रिय हो गए थे। इस पर पुलिस ने कांग्रेस नेताओं के घरों के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया और उन्हें घरों से बाहर नहीं निकलने दिया।
कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष धर्मेन्द्र देव गुप्ता ने कहा कि यह संवैधानिक मूल्यों और स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने आरोप लगाया कि योगी और मोदी सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर कांग्रेस को अपनी आवाज़ उठाने से रोकने की कोशिश कर रही है। गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखना चाहती है, लेकिन सरकार के डर से उन्हें दबाया जा रहा है।
शहर अध्यक्ष नोमान ख़ाँ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा अन्याय के खिलाफ खड़ी रही है और यह सवाल उठाया कि क्या पीड़ितों से मिलना और उनकी आवाज़ उठाना गुनाह है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा स्पष्ट है – वह संभल में हुई हिंसा को एक साजिश का हिस्सा मानती है और चाहती है कि जनता को हिंदू-मुसलमान में बांटा जाए।
इस मौके पर कांग्रेस नेता जगमोहन मोना, लल्लन ख़ाँ ठेकेदार, महेन्द्र यदुवंशी, नादिश ख़ाँ, हसीब ख़ाँ, अकरम सुल्तान, दामोदर सिंह गंगवार, सुहैल ख़ाँ, ताहिर अंजुम, विक्की नफीस, आरिफ अल्वी, अनवर अली, राज कुमार, सोनू लोधी, मुजीब ख़ाँ, रामगोपाल सैनी, रियाज़ अहमद आदि भी उपस्थित रहे।