नई दिल्ली। कहते हैं कि भगवान श्रीहरि जगन्नाथ मंदिर में ही वास करते हैं और इसके दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी दुख मिट जाते हैं. इसे भगवान श्रीकृष्ण की नगरी भी कहा जाता है जहां वह अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं. हिंदू धर्म में चार धाम बताए गए हैं जिनमें से एक जगन्नाथ पुरी है और यह मंदिर अपने रहस्यों के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है. मंदिर से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं जिनका जवाब आज तक विज्ञान भी नहीं खोज पाया. जगन्नाथ पुरी मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों को तीसरी सीढ़ी पर पैर नहीं रखना चाहिए. आइए जानते हैं आखिर ऐसी मान्यता के पीछे क्या वजह है?
जगन्नाथ पुरी की रहस्यमयी सीढ़ियां
धर्म पुराणों में जगन्नाथ पुरी को धरती का बैकुंठ कहा गया है क्योंकि इस मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान है. मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से भक्तों के सभी कष्ट मिट जाते हैं और हर मनोकामना पूरी होती है. जगन्नाथ पुरी मंदिर में कुल 22 सीढ़ियां हैं लेकिन उन चढ़ते समय तीसरी सीढ़ी का विशेष ध्यान रखना चाहिए. जगन्नाथ पुरी की तीसरी सीढ़ी पर गलती से भी पैर नहीं रखना चाहिए.
क्यों नहीं रखते तीसरी सीढ़ी पर पैर?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जगन्नाथ मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते समय 22 सीढ़ियां पड़ती हैं और तीसरी सीढ़ी को यमशिला कहा गया है और इस सीढ़ी पर पैर रखने वाले व्यक्ति को यमलोक जाना पड़ता है. मंदिर में दर्शन करने के बाद लौटते समय इस तीसरी सीढ़ी पर गलती से भी पैर नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पुण्य शून्य हो जाते हैं और यमलोक की प्राप्ति होती है. भक्तों से भूल न हो इसलिए मंदिर की इस तीसरी सीढ़ी का रंग काला किया गया है.
तीसरी सीढ़ी से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार यमराज भगवान जगन्नाथ के पास गए और उनसे कहा कि ‘हे प्रभु, इस मंदिर में आपके दर्शन करने से ही भक्तों के सभी पाप मिट जाते हैं और कोई भी यमलोक नहीं आता.’ ऐसे में मनुष्य पापों से मुक्ति के लिए जगन्नाथ पुरी पहुंच जाता है और दर्शन करते ही आसानी से उसके पाप मिट जाते हैं. यमराज की बात सुनकर भगवान जगन्नाथ ने कहा कि आप इस मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर स्थान ग्रहण करें. जो भी व्यक्ति मेरे दर्शन के बाद इस सीढ़ी पर पैर रखेगा उसके पुण्य मिट जाएंगे और यमलोक प्राप्त होगा.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां पौराणिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. khabre junction इसकी पुष्टि नहीं करता.