आखिर कैसे किस अधिनियम और कौन से कानून मे प्रावधानित है कि, वरिष्ठ अधिकारी की जाँच कनिष्क अधिकारी करेगा?
एक तरफ योगी सरकार गुन्डे और भू माफियाओं का सफाया कर रही है तो, दूसरी तरफ, स्व प्रतिनियुक्त / नियुक्त गुण्डों का पोषण, क्यों? क्या लालच है?
डा0वी0के0सिंह
(वरिष्ठ पत्रकार)
प0उ0प्र0, दादरी गौतमबुधनगर!
पश्चिमी उत्तर प्रदेश स्थित दादरी तहसील सरकारी डांकुओं का गढ़ बन चुकी है, जहाँ संवैधानिक पदों पर आसीन उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा कानूनगो आम क्षेत्रीय जनता को दोनों हांथों से न केवल लूट रहे हैँ बल्कि, उन्हें आत्म हत्या करने पर विवश करते नजर आ रहे हैँ, अर्थात अपने लिबास के विरुद्ध आचरण कर रहे हैँ, मानो स्वर्ण कुम्भ मे मदिरा, मानो भगवा लिबास के अंदर कोई आसाराम या राम रहीम या फिर, आश्रम मे संचालित वेश्यालय? भले ही इसे लेखनी का दुस :साहस कहें या अतिसयोंक्ति किन्तु यह आरोप मात्र नहीं बल्कि, राज्य द्वारा स्थापित कानून की कसौटी पर परखा गया कटु सत्य है!
सरकार बताये कि, कौन से कानून और, किस अधिनियम मे अधिनियमित है कि, मुख्यमंत्री पोर्टल पर उपजिलाधिकारी के विरुद्ध की गयीं शिकायतों का निस्तारण शिकायतकर्ता से मिले बिना, पूँछताँछ किये बिना, शिकायत मे आरोपित उपजिलाधिकारी अधिकारी के कनिष्क तहसीलदार या उससे भी नीचे सबसे नीचे पायदान पर पदस्थ लेखपाल करेगा? किन्तु दादरी तहसील की यही सच्चाई है, उपजिलाधिकारी के विरुद्ध मुख्यमंत्री पोर्टल पर, जिलाधिकारी एवं आयुक्त मेरठ मण्डल मेरठ एवं लोकायुक्त को दिये गए, शिकायतो का निस्तारण तहसीलदार, व लेखपालगणों द्वारा किया गया अर्थात, जल्लाद राजा के गुलाम से राजा का आचरण पूँछा गया, गुलाम का झुका सर क्या उत्तर देगा? राजा दयालु है!
आरोप प्रत्यारोप के उपरांत, संवैधानिक पदों पर आसीन लोकसेवकों के महान कारनामो की सूची पर दृष्टिपात करें, और मनचासीन कलाकारों तहसीलदार व उपजिलाधिकारी के रंगारंग लूट का आनंद लेते हुये, निष्कर्ष पर पहुँचे-
मोहित व ओमकार पुत्रगण स्व0 शेर सिंह बनाम धीरज सिंह निवासी ग्राम खेड़ी अंतर्गत धारा 34 उ0प्र0रा0सहिंता 2006, मृतक धीरज सिंह ब्रम्हाचारी की विधवा व नाबालिग बच्चों विरासत के आधार पर व हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के आधार पर राजस्व अभिलेखों मे दर्ज नामों को एक पक्षीय वाद चलाकर, करोड़पति ब्रम्हाचारी की विधवा व बच्चों को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया? भला इतना महान न्यायवादी न्याय तहसील दादरी के तहसीलदार न्यायालय के अतिरिक्त कहीं और मिल सकता है क्या? कदाचित कहीं नहीं!
वाद संख्या T – 24939/2022 अंतर्गत धारा 24, सर्वेश कुमार बनाम राजीव वूलेनस प्राइवेट लिमिटेड, न्यायालय उपजिलाधिकारी दादरी, निस्तारण आदेश दिनांक 9/10/2023 जबकि, तहसीलदार दादरी द्वारा पुष्टिकृत राजस्व निरीक्षक की पैमाइश रिपोर्ट निर्णित आदेश के दो दिवस बाद न्यायालय मे प्रेषित दिनांक 11/10/2023, अब सरकार के ऐसे चहेते नुमाइंदो अर्थात लोक सेवक तत्कालीन जिलाधिकारी आलोक कुमार गुप्ता को क्या कहेंगे? प्रशासनिक कुर्सी पर बैठा ये महान सरकारी कलाकार कहीं भी हो, महान है या मुर्ख राज्य सरकार, राज्य की जनता व उच्चधिकारी स्वयं तय करें, बहराल सफल कलाकार है, भृष्टाचार का जीवट, इच्छा मृत्यु के वरदान से अभिसिंचित पिता:मय भीष्म है, कोई कितनी भी शिकायते कर ले, वर्तमान भाजपा सरकार को इच्छीत वरदान देने वाली कामधेनु है.
तहसील दादरी, उपजिलाधिकारी (न्यायिक) के न्यायालय मे विचाराधीन वाद धर्मपाल बनाम छिद्दा व अन्य अंतर्गत धारा 24 वर्ष 2022, माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशन मे वर्ष 2015 मे निस्तारित हो चूका, वर्तमान वैधानिक स्थिति यह है कि, विचाराधीन वाद धर्मपाल बनाम छिद्दा व अन्य राजस्व ग्राम हैबतपुर, रिसजूडीकाटा के सिद्धांत सीपीसी 1908 की धारा 11 नियम से 7 बाधित है, वाद स्वीकृति स्तर पर ख़ारिज होने योग्य है किन्तु, वही वाद, वही धारा 24 UPRC 2006, वही नाम बनाम विचाराधीन है, चल रहा है, अर्थात कहने का अभिप्रायः है, दादरी तहसील मे अधिनियम व तमाम न्यायशास्त्र औचित्यहीन हैँ, न्यायालय मे जितना अच्छा नाटकीय मंचन होगा, उतना ही अच्छा जनता की ओर से पुरस्कार मिलेगा, ठीक वैसे ही जैसे किसी नौटंकी के मंच पर नचनिया के ठुमके पर जो ठरकी नोटों की बरसात करते हैँ वही किसी गरीब की मदद करने मे मदद करने की वजाय उसका मज़ाक उड़ाते हैँ.
यद्यपि, तहसील दादरी के रंगमंच पर मनचासीन लोक सेवकों राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार व उपजिलाधिकारीयों के न्याय वेदिका को न्याय विभितिसिका को विकराल स्वरुप देने वाले कई मामले हैँ, जिन्हे परत दर परत, दिन प्रति दिन खोला जायेगा, इसे पढ़े, परखे और सिर्फ बताये क्या सही है और क्या गलत? किन्तु, सही गलत के असीम सागर मे डूबने की चेष्टा न करें अन्यथा, पाठकों का जीवन नीरस हो जायेगा, अधिकारियों का कुछ नहीं होने वाला? Fair is Foul and, Foul is Fair.
Story to be Continued….
स्टोरी कंटिन्यूड…….