आजाद भारत के क्रांतिकारी नेता थे आचार्य जे बी कृपलानी, 20 साल छोटी सुचेता कृपलानी से की थी शादी
आचार्य जे बी कृपलानी ने भारत को विकास के मार्ग पर ले जाने का किया महान कार्य
आचार्य जे बी कृपलानी देश के ऐसे क्रांतिकारी नेताओं में से एक थे जिन्होंने भारत को विकास के मार्ग पर ले जाने का महान कार्य किया…इन्होंने राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में आजादी से पहले और आजादी के बाद में भी बड़ा योगदान दिया था। वे महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते थे और उनके बताये गए मार्ग पर चलने का काम करते थे।
जीवन परिचय
जीवतराम भगवानदास कृपलानी का जन्म 11 नवम्बर 1888 मे हिन्दू क्षत्रिय अमिल परिवार में हैदराबाद के सिंध में हुआ था। काका भगवानदास उनके पिताजी थे। उनके पिताजी एक सरकरी विभाग में राजस्व और न्यायिक अधिकारी थे। उनका परिवार बहुत बड़ा था और उनके घर में आठ बच्चे थे और उनमे आचार्य जी का छटा नंबर था।
शिक्षा
कृपलानी ने अपनी शिक्षा सिंध के स्कूल में पूरी करने के बाद में बॉम्बे के विल्सन कॉलेज में आगे के पढाई की। वहापर पढाई करते समय उन्हें अहसास हुआ की उन्हें इंग्लिश कविताओ में काफी रुची है। वे पूना के फर्ग्युसन कॉलेज से सन 1908 में ग्रेजुएट हुए। आगे उन्होंने इतिहास और अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की।
करियर
कृपलानी ने बिहार के मुजफ्फरपुर कॉलेज में इंग्लिश और इतिहास के प्रोफ़ेसर पद पर काम किया। उन्होंने सन 1912 से 1917 तक इसी कॉलेज में काम किया। 1917 में चंपारण सत्याग्रह के दौरान गांधीजी से मिले तो काफी प्रभावित हुए और उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ में काम करना शुरू कर दिया।
भारत में सन 1946 से 1947 तक जो अंतरिम सरकार बनी थी उसमे कृपलानी ने अहम भूमिका निभाई थी। भारतीय संविधान सभा में भी उन्होंने बहुमूल्य योगदान दिया था। 1952, 1957, 1963 और 1967 ऐसे चार बार वे लोक सभा के सदस्य भी थे।
व्यक्तिगत जीवन
आचार्य कृपलानी का विवाह 1936 में सुचेता से हुआ था। सुचेता कृपलानी उनसे 20 वर्ष छोटी थी।
निधन
19 मार्च 1982 में 94 वर्ष की आयु में आचार्य कृपलानी का निधन हो गया था।