नई दिल्ली, 5 दिसंबर: दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक नरेश बाल्यान को बुधवार को जबरन वसूली के मामले में जमानत दे दी, लेकिन जमानत मिलने के तुरंत बाद उन्हें मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट) के तहत फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पारस दलाल ने 50,000 रुपये के निजी बॉंड और इतनी ही राशि के एक मुचलके पर बाल्यान को राहत दी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि वह बाल्यान को मकोका के तहत गिरफ्तार कर रही है।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में बुधवार को ही एक आवेदन दाखिल कर बाल्यान से पूछताछ की अनुमति मांगी थी, जिसे अदालत ने मंजूरी दे दी। फिर शाम को पुलिस ने अदालत में यह जानकारी दी कि वह बाल्यान को मकोका के तहत गिरफ्तार कर रही है।
बाल्यान पश्चिमी दिल्ली की उत्तम नगर सीट से विधायक हैं और उन्हें 30 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। भाजपा ने एक ऑडियो क्लिप जारी कर दावा किया था कि यह बातचीत बाल्यान और गैंगस्टर कपिल सांगवान के बीच की है, लेकिन बाल्यान के वकील ने इसे फर्जी बताया और कहा कि पुलिस ने ऑडियो की जांच किए बिना ही गिरफ्तारी की। वकील का यह भी कहना था कि बाल्यान ने खुद सांगवान के खिलाफ तीन शिकायतें दर्ज करवाई थीं।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में मकोका का इस्तेमाल करते हुए दावा किया कि गैंगस्टर कपिल सांगवान ने एक बिजनेस मैन से फिरौती की मांग की थी, और बाल्यान ने उस फिरौती को दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजय कुमार सैन ने बताया कि जेल में बंद सांगवान से जुड़े दो बदमाशों ने बाल्यान के संगवान के साथ रिश्ते के बारे में कई अहम बातें कबूल की हैं, जो मकोका के तहत दर्ज की गई हैं।
बाल्यान को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।