राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्याल रामपुर में “मेरी माटी मेरा देश :राष्ट्रीयता एवं विकास की संयुक्त गाथा” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी का शुभारंभ

रामपुर: राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्याल रामपुर में “मेरी माटी मेरा देश :राष्ट्रीयता एवं विकास की संयुक्त गाथा” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ, उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि प्रो कय्यूम हुसैन पूर्व कुलपति कश्मीर विश्वविद्यालय, विशिष्ट अतिथि डॉ पुष्कर मिश्रा डायरेक्टर रज़ा लाइब्रेरी, एवं प्राचार्य प्रोफेसर जागृति मदान ढींगरा के कर कमलों से ज्योति प्रज्वलन एवं मां सरस्वती को माल्यार्पण कर किया गया। बीएड विभाग की छात्राओं दीक्षा, नैंसी एवं सहजल द्वारा संगीतमय सरस्वती स्तुति एवं स्वागत गीत की मधुर प्रस्तुति के द्वारा संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। बुक्के एवं बेज भेंट कर मंच पर अतिथियों का स्वागत किया गया, आयोजन सचिव डॉ वीके राय ने संगोष्ठी की थीम प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति अति समृद्ध रही है। निदेशक उच्च शिक्षा डा अमित भारद्वाज ने आभासी पटल के माध्यम से अपने उद्बोधन में कहा कि संगोष्ठी में चिंतन और मनन के द्वारा सार्थक परिणाम निश्चित रूप से भविष्य का रोड़मैप तैयार करेगा, इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 में मल्टी विषय पर बोलते हुए कहा कि स्किल, ज्ञान , और प्रशिक्षण के बगैर विकसित नहीं हो सकते हम अपने संसाधनों का सदुपयोग स्किल डेवलेपमेंट के बिना नहीं कर पाएंगे, विश्व को जितने के लिए हमें आने वाली पीढ़ियों को स्किल्ड करना होगा।
विशिष्ट अतिथि डॉ पुष्कर मिश्रा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत तकनीकी के दम पर ही विश्व गुरु के रूप में स्थापित हो सकता है।
मुख्य वक्ता प्रो सैयद तारिक मुर्तजा शारीरिक शिक्षा विभाग अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्याल ने योग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि योग के माध्यम से ही विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है।इस अवसर पर एकेडमिक सोसाइटी के 26 वें वार्षिक अधिवेशन का आयोजन भी किया गया। जिसमें ऑनलाइन आभाषी पटल के माध्यम से कार्यकारणी का चयन किया गया, इस अवसर पर मंच संचालन संगोष्ठी समन्वयक डा बेबी तबस्सुम एवं आयोजन सह सचिव डॉ मुजाहिद अली जी द्वारा किया गया, इस अवसर पर अनेक स्कॉलर, प्राध्यापक डेलीगेट के रूप में संगोष्ठी में सम्मिलित हुए
इस अवसर पर उपरोक्त विषय पर प्रतिभागियों द्वारा अपने विचार शोधपत्र के माध्यम से प्रस्तुत किए गए।

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