चकबन्दी राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना है, चकबन्दी प्रक्रिया में तेजी लायें अधिकारी।
विनियम अनुपात सम्बन्धी शिकायतें प्राप्त होने पर होगी कड़ी कार्यवाही।
ग्राम चौपाल के माध्यम से कृषकों केे चकबन्दी संबंधी समस्याओं का करें निस्तारण।
चकबन्दी प्रक्रिया के अन्तर्गत भ्रष्टाचार की शिकायत किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं-जिलाधिकारी
जिलाधिकारी जोगिन्दर सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के चकबन्दी प्रक्रियाधीन ग्रामों की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने चकबन्दी प्राधिकारियों को निर्देशित किया कि जो ग्राम प्रारम्भिक स्तर पर है, ऐसे ग्रामों में चकबन्दी प्रक्रियाएं त्वरित गति से संचालित करते हुए इस वित्तीय वर्ष में दिये गये लक्ष्य के अनुरूप कार्य पूर्ण कराया जाये।उन्होंने सम्बन्धित सहायक चकबन्दी अधिकारी को निर्देशित किया कि विनिमय अनुपात निर्धारित करते हुये हाईवे व ग्राम के नजदीक की कीमती भूमि को नियमानुसार चकबन्दी पृथक रखा जाये, जिससे अनावश्यक विवाद उत्पन्न न हो।
जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि कृषकों के आवास के साथ में उपयोग होने वाली भूमि पर अन्य व्यक्तियों को किसी भी दशा में चकबन्दी प्रक्रिया के अन्तर्गत भूमि देते हुए विवाद न बढ़ाये जायें। जिलाधिकारी ने कहा कि विनियम अनुपात सम्बन्धी शिकायतें प्राप्त होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। शासन की मंशा के अनुरूप चकबन्दी से सम्बन्धित सभी वादों का निस्तारण ग्राम अदालतों का आयोजन कर ग्राम स्तर पर ही किया जाये। किसी भी कृषक को अनावश्यक रूप से परेशानी का सामना न करना पड़े। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि चकबन्दी प्रक्रिया के अन्तर्गत भ्रष्टाचार की शिकायत किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। प्रदेश सरकार की जीरो टोलरेंस नीति के अनुरूप कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि चकबन्दी आयुक्त उ०प्र० लखनऊ के निर्देशों के अनुरूप प्रत्येक ग्राम में समय-समय पर ग्राम चौपाल का आयोजन करते हुए कृषकों केे चकबन्दी संबंधी समस्याओं को सुनकर उनका निस्तारण गुणवत्तापूर्ण ढ़ंग से कराना सुनिश्चित करें। कृषकों के हित में चकबन्दी योजना हेतु सभी के सुझाव लिये जाये। सभी वादों का निस्तारण नियमानुसार समय से किया जाये और साथ ही चकबन्दी प्रक्रिया में तेजी लायी जाये।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सहायक चकबन्दी अधिकारी द्वारा चक निर्माण के विरूद्ध यदि कोई आपत्ति प्राप्त होती है तो सम्बन्धित चकबन्दी अधिकारी ग्राम में जाकर चक आपत्तियों की सुनवाई करें तथा यथासम्भव समझौते के आधार पर आपत्तियों का निस्तारण करें।
बैठक में बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद रामपुर में ग्राम खानपुर व चक रफतपुर की चकबन्दी प्रक्रियायें पूर्ण होकर धारा-52 का प्रकाशन हो चुका है तथा ग्राम गुलड़िया ट्यूला, दिबदिवा व बिढ़वा नगला पुराने ग्राम है, इनमें से ग्राम बिड़वा नगला में चक निर्माण कार्य किया जाना है। इस ग्राम में ग्राम सभा की भूमि पर त्रुटिपूर्ण तरीके से कृषकों के नाम दर्ज हो गये थे, जिन्हे चकबन्दी अधिकारी द्वारा अपने आदेश से पुनः ग्राम सभा के खाते में दर्ज कर दिया गया है। इसी कारण कुछ कृषकगण चकबन्दी का विरोध कर रहे है।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि ग्राम बैठक कर कृषकों को समझाये तथा चकबन्दी का कार्य आगे बढ़ायें। जिलाधिकारी ने बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी को निर्देशित किया कि अपने समस्त अधीनस्थ कर्मचारियों पर प्रभावी नियन्त्रण रखते हुये वार्षिक लक्ष्य पूर्ण करें। साथ ही उन्होंने मा. उच्च न्यायालय में लम्बित याचिकाओं में प्रभावी पैरवी कर ससमय प्रतिशपथपत्र दाखिल करने हेतु निर्देशित किया।
उन्होंने आईजीआरएस व विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों का निस्तारण परिवादी को सुनकर गुणवत्तापूर्वक ढ़ंग से करने के निर्देश दिये।
बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि जनपद रामपुर के ग्राम चकरफतपुर में समस्त चकबन्दी प्रक्रियायें मात्र 8 माह में पूर्ण कर ली गई है। इस पर जिलाधिकारी ने ग्राम के लेखपाल श्री राहुल पाठक की प्रशंसा की।
जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित समस्त चकबंदी अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा चकबन्दी के माध्यम से भूमि विवादों के निपटारे हेतु विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है। चकबन्दी राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना है, जिससे कृषकों का हित जुड़ा होता है। इसलिये चकबन्दी का कार्य करते समय बिना किसी लालच, भय व दबाव के निष्पक्ष होकर कार्य करें, जिससे चकबन्दी योजना का लाभ आम कृषकों तक पहुंच सकें।