चकरोड मिलाकर खेत में बनाई पक्की ट्यूबवेल, बम्बे की पटरी पर कराया जा रहा खडंजे का निर्माण

गांव वालों ने सरकारी चकरोड को कब्जा मुक्त कराने की मांग

मोदीनगर: तहसील क्षेत्र के ग्राम मकरमतपुर सिखेड़ा में सरकारी चकरोड को खेत में मिलाकर जबरन ट्यूबवेल लगाने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, बम्बे की पटरी की वास्तविक चौड़ाई बाईं पटरी 18.57 फीट और दाईं पटरी 12.56 फीट होनी चाहिए, लेकिन मौके पर इसकी चौड़ाई सिर्फ 15 फीट पाई गई।

इस संबंध में गजराज सैनी ने मेरठ खंड गंगनहर से जनसूचना के अधिकार (RTI) के तहत 01 फरवरी 2025 को पत्रांक 10-547 के माध्यम से जानकारी प्राप्त की। वहीं, तहसील मोदीनगर से भी पत्रांक 1193 के तहत 03 सितंबर 2022 को मौजूदा लेखपाल नितिन कुमार ने मौखिक रूप से सूचना ली थी।

गांव के किसानों का आरोप है कि अनिल कुमार व देवीशरण ने सरकारी चकरोड व नाली पर कब्जा कर उसे अपनी खेती की जमीन में मिला लिया और वहां पक्की ट्यूबवेल बना ली। पिछले दो वर्षों से पीड़ित किसान इसकी शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

31 जनवरी 2025 को राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर गलत तरीके से पैमाइश की और माइनर की पटरी, जिसकी चौड़ाई दस्तावेजों में 18.57 फीट दर्ज है, उसे ही चकरोड का रकबा मान लिया। जबकि, चकरोड का क्षेत्र माइनर के रकबे से अलग होना चाहिए।

गांव वालों की मांग है कि माइनर की बाईं पटरी की वास्तविक चौड़ाई को बरकरार रखते हुए, सरकारी चकरोड और नाली को कब्जाधारियों से मुक्त कराया जाए और चकरोड के रकबे में ही खडंजे का निर्माण किया जाए। इससे सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जे को रोका जा सकेगा और ग्रामीणों को आने-जाने में सुविधा मिलेगी।

 

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