हथकरघा एवं बुनकर मेले में राष्ट्रीय कवि संगम की ओर से भव्य श्रीराम कविसम्मेलन का हुआ आयोजन

बदायूं। बदायूं क्लब में चल रहे हथकरघा एवं बुनकर मेले में बीती शाम राष्ट्रीय कवि संगम की ओर से भव्य श्रीराम कविसम्मेलन का हुआ आयोजन, जिसमें कढाके की ठंड में भी दर्शकों की उपस्थिति में कवियों ने कविताओं में श्री राम का दर्शन उतार कर समाँ बांध दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के विभाग प्रचारक  विशाल एवं विशिष्ट अतिथि जिलाध्यक्ष भाजपा राजीव कुमार गुप्ता ने समस्त कवियों के साथ सर्वप्रथम माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया।A grand Shri Ram Kavi Sammelan was organized by Rashtriya Kavi Sangam in the Handloom and Weaver's Fair समस्त कवियों का शाल और माला पहनाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया। माँ सरस्वती की वंदना सरिता सिंह ने की।
इस अवसर पर कवियों ने कविता प्रस्तुत करते हुए कहा।
भारत को स्वर्ग बनाने को दशरथ नंदन फिर आए हैं।
ध्वज हाथ लिए बजरंगबली देखो, कपि दौड़े आए हैं।
डॉ राम बहादुर व्यथित

पांच लाख भक्तों ने चढ़ाया अर्घ्य रूप रक्त,
तब जाके राम जन्म भूमि बीच राजेंगे ।
साल पांच सौ के बाद अवध में राम लला,
भव्य मंदिर में दिव्य रूप में बिराजेंगे।
डॉ.अरविंद धवल
सोचते सोचते वर्ष बीते कई,
अब समय आ गया काम की बात हो
पूर्ण निष्ठा, लगन और उत्साह से,
राम के देश में राम की बात हो।
डॉ.अक्षत अशेष

हर भारतवासी के उर में पलते सुख के धाम को।
वनचर,अनुचर,नभचर के प्रति प्रीति रीति अविराम को ।
तर जाएं,तिर जाएं, पत्थर ,लेकर जिनके नाम को।
जन-जन का आभार हृदय से पुरुषोत्तमश्री राम को।
अभिषेक अनंत

राजनीति की खेल में उलझे, क्या जानें रघुराई को
इत्र मिला और चखकर देखा, लानत इस चतुराई को
केवट प्रेम को जान सके, ना, माँ शबरी को पढ़ पाए,
उनके मन कैसे समझेंगे, मानस की चौपाई को
– पदम गौतम, धौलपुर, राजस्थान

पावनी पुनीत धार सरयू पधारे पांव,
लेती है बलाईयां सुख धाम घर आए हैं ।।
सदियों की पीर भारी अखियां गिराती नीर,
युगों युगों बाद मेरे राम घर आए हैं।।
✍🏻 कवि मनोज चौहान (मैनपुरी उत्तर प्रदेश)

जगत में गूँज रहा है नाम, बना है विश्व राम का धाम।
यही है चहुँदिस चर्चा आम, आ रहे अवधपुरी श्रीराम।
पूँछते थे तारीख उन्हें कर दी है निश्चित तिथि जारी,,
मंदिर भव्य बना है अब तो,,,,अवध समूचा सजा है अब तो,,,
करो दर्शन की तैयारी,,,करो दर्शन की तैयारी।
– मनोज मधुवन,सोरों जी
समय में भी सच्चाई स्वीकार कर ली
लहर ने भी गहराई स्वीकार कर ली
धनुष बाण ने जब से पहरा दिया है
तपोवन ने अमराई स्वीकार कर ली
नरेंद्र गरल

आज अवध में रामलला के स्वागत की तैयारी है ।
प्रभू राम का नाम पड़ा सारी दुनिया पर भारी है ।
–कुलदीप अंगार

दीप सरयू के किनारे तब जले जब गोधरा में
रामभक्तों के शवों की होलियाँ जलती रहीं
आज पूज लें वे कारसेवक जिनकी उस दिन
छातियाँ अड़ती रहीं और गोलियां चलती रहीं
–कवि मोहित सक्सेना,आगरा

अपने ही घर से जो निर्वासित रहे वो,
लौट अपने धाम वापस आ गए हैं।
पूर्ण करके दूसरा वनवास देखो,
आज फिर से राम वापस आ गए हैं।।
# कुमार आशीष (बदायूँ)

राम त्यौहार हैं, राम उपहार हैं
राम ही बस मनुजता का आधार हैं
तम के विन्यास पर राम उजियार हैं
राम शापित अहिल्या का उद्धार हैं।
—सरिता सिंह
संचालन डा अक्षत अशेष और अभिषेक अनंत ने किया। इस अवसर पर गुरुचरण मिश्र, विनीत शर्मा, नरेश शंखधार, राहुल चौबे, राजर्षि मिश्री, रजनीश मिश्र, मेले के पदाधिकारी गोपाल मिश्रा, आदित्य कुमार, सतेंद्र सिंह, अतुल सक्सेना, इकबाल असलम आदि उपस्थित रहे।

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