नोएडा। चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन आज 10 अप्रैल दिन बुधवार को है. इस दिन चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि, विष्कम्भ और प्रीति योग, भरणी नक्षत्र है. आज के दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं. मां ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद से व्यक्ति अपने कार्य में सफल होते हैं, हर विकट स्थिति से लड़ने की क्षमता पैदा होती है. मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से उस व्यक्ति को जप, तप, त्याग, संयम आदि की प्राप्ति होती है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने की विधि, मंत्र और भोग ..
मां ब्रह्मचारिणी का पूजा मंत्र
1. ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी।
सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते।।
2. ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय भोग
दूसरे दिन पूजा के समय मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाना चाहिए.
मां ब्रह्मचारिणी कौन हैं?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने नारद जी के सुझाव पर शिव जी को प्राप्त करने के लिए हजारों वर्षों तक जंगल में कठोर तप और साधना की. वे सफेद वस्त्र पहनती हैं और हाथ में कमंडल एवं जप की माला धारण करती हैं. उनके कठोर साधना के कारण उनको मां ब्रह्मचारिणी कहा जाता है. वे दूसरी नवदुर्गा कहलाती हैं.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कैसे करें?
आज शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करें. नवरात्रि पूजा में ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें. आसन पर बैठकर मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें. फिर उनको अक्षत, फूल, फल, चीनी, पंचामृत, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं. इनको अर्पित करते समय मां ब्रह्मचारिणी का पूजा मंत्र पढ़ें. फिर मां ब्रह्मचारिणी की कथा पढ़ें और आरती करें.