Birth Anniversary: लगातार तीन टेस्ट सीरीज जीतने वाले भारत के पहले कप्तान थे अजीत वाडेकर, विदेशी जमीन पर भी सुधारा था भारत का रिकॉर्ड

1971-1974 के दौरान 16 टेस्ट मैचों में अजीत वाडेकर ने की भारत की कप्तानी

नई दिल्ली। अजीत वाडेकर टीम इंडिया के ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को नई कामयाबी दिलाई थी..अजीत वाडेकर ने अपने बेहतरीन बल्लेबाजी और शानदार कप्तानी से क्रिकेट इतिहास को सबसे यादगार पल दिए….बचपन में इनकी दिलचस्पी खेलकूद में नही बल्कि गणित में थी और इनके पिता इंजीनियर बनाना चाहते थे..दरअसल जब गणित में सर्वाधिक नंबर पाने के बाद अजीत को इनाम में नील हार्वे क्रिकेटर के ऑटोग्राफ वाला बैट मिला..तभी से अजीत ने बल्ले से प्रैक्टिस शुरू की थी।….उनकी इस प्रैक्टिस ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया का जाना- पहचान नाम बना दिया। आज उनकी जयंती पर आइए जानते है उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें….

जीवन परिचय
अजीत वाडेकर का पूरा नाम अजीत लक्ष्मण वाडेकर था। अजीत वाडेकर का जन्‍म 1 अप्रैल 1941 में मुंबई में हुआ था। अजीक वाडेकर ने रेखा से शादी की थी। दोनों नें दो बेटे और एक बेटी है।

शिक्षा
बम्बई विश्वविद्यालय से अजीत ने प्रथम श्रेणी में एमएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।

कॅरियर
अजित ने बम्बई विश्वविद्यालय का 1957 से 1962 तक प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 1961-1962 में एम.सी.सी. के विरुद्ध विश्वविद्यालय की संयुक्त टीम की कप्तानी भी की। विश्वविद्यालय खेलों में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1958-1959 में दिल्ली के विरुद्ध रहा था, जब उन्होंने 324 रन बनाए थे। इसी प्रदर्शन के कारण उन्हें रणजी ट्रॉफी टीम में 1974-1975 तक स्थान मिलता रहा। अजित का अन्तरराष्ट्रीय कॅरियर मात्र 8 वर्ष का रहा। वाडेकर ने 37 टैस्ट मैच खेले, जिनमें 2113 रन 31.07 के औसत से बनाए। उन्होंने एकमात्र शतक (143 रन) 1967-1968 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध बनाया था।
अपने 17 वर्षों के कॅरियर में अजित वाडेकर ने कुल 4288 रन 57.94 के औसत से (73 मैचों में) बनाए। अजित ने इंग्लैंड के 1967 के दौरे पर काउंटी मैचों में 835 रन बनाए तथा टैस्ट मैचों में 242 रन बनाए, जिनमें सर्वाधिक स्कोर 91 का रहा। 1967-1968 में न्यूजीलैंड दौरे पर उन्होंने एकमात्र शतक लगाया था।

उपलब्धियां
अजित वाडेकर को भारत सरकार ने इनके अच्छे प्रदर्शन के लिए 1967 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा था और फिर 1972 में सरकार ने पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा था।

निधन
अजीत वाडेकर का 15 अगस्त 2018 को 77 साल की उम्र में निधन हो गया।

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