बदायूं। भारत देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के माननीय प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से प्रत्येक माह की 15 तारीख को नि:क्षय दिवस मनाया जाता है इस बार भी टीबी के साथ-साथ फाइलेरिया, कुष्ठ और कालाजार के संभावित मरीजों को भी खोजा जाएगा लक्षण वाले मरीजों को आशा कार्यकर्ता के माध्यम से उप केंद्र तक पहुंचाया जाएगा ताकि इनका उपचार शुरू हो सके |
ज़िला क्षय रोग अधिकारी डॉ विनेश कुमार ने बताया कि इस माह का एकीकृत नि:क्षय दिवस 16 अक्टूबर मनाया जाएगा इस दिवस का उद्देश्य टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान गुणवत्ता पूर्ण इलाज और योजनाओं का लाभ दिलाना है अब इस कार्यक्रम में फाइलेरिया, कुष्ठ और कालाजार को भी जोड़ा गया है उन्होंने बताया कि एकीकृत नि:क्षय दिवस से पहले आशा कार्यकर्ता ग्रह भ्रमण कर टीबी के बारे में और नि:क्षय दिवस के आयोजन के बारे में समुदाय को जागरूक करेंगी सी एच ओ मरीजों की एचआईवी, डायबिटीज और अन्य जांच कराएंगे इसके अलावा बलगम का नमूना लिया जाएगा और उसे निक्षय पोर्टल पर निक्षय आईडी बनाते हुए नज़दीकी टीबी जांच केंद्र पर भेजा जाएगा|
ज़िला मलेरिया अधिकारी योगेश कुमार सारस्वत ने बताया की 16 अक्टूबर को होने वाले एकीकृत नि:क्षय दिवस में फाइलेरिया, कुष्ठ और कालाजार के मरीजों को भी चिन्हित करेंगे फाइलेरिया और कुष्ठ के लक्षणों वाले मरीजों को आशा कार्यकर्ता के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र पर लाया जाएगा ताकि इनका सुचारु उपचार शुरू हो सके
टीबी रोग के लक्षण……..
2 सप्ताह या अधिक समय से खांसी होना |
2 सप्ताह या अधिक समय से बुखार आना |
वजन में कमी आना भूख ना लगना |
बलगम में खून आना |
कुष्ठ रोग के लक्षण…….
शरीर पर सुननी दाग |
हथेलिया, पैर, आंख में कमज़ोरी, विकृति |
घाव जिसमें दर्द ना हो |
चेहरे शरीर या कान पर गांठे छाले घाव |
फाइलेरिया के लक्षण……..
पुरुषों के अंडकोष और महिलाओं के स्तन के आकार में परिवर्तन |
सर्दी देकर तेज बुखार आना
हाथ पैर में सूजन और तेज दर्द होना |