नोएडा। हिन्दू धर्म में नवरात्रि पर्व बेहद अहम माना जाता है। नवरात्री का त्योहार साल में तीन बार आता है लेकिन शारदीय नवरात्री बेहद खास और अहम होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि पर्व का शुभारंभ होता है।
इसलिए इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर रविवार से शुरू हो रहा है।
ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि पर्व के दौरान नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ दिव्य स्वरूपों की उपासना करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है और जीवन की सभी समयस्याएं दूर हो जाती है.
इसलिए शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन भक्त विधि-विधान से कलश स्थापना कर मां दुर्गा का आवाहन करते है। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है.
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर सुबह है 11:24 से 16 अक्टूबर दोपहर 12:30 तक रहेगा
घटस्थापना का मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त के अनुसार माना जाता है ऐसे में घटस्थापना के लिए सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट बेहद शुभ माना जा रहा है……..
कलश स्थापना पूजा सामग्री
कलश स्थापना लिए पूजा की थाली तैयार करते समय थाली में कलश, मौली, आम का पत्ता, रोली, गेहूं और अक्षत रख लें साथ ही कलश स्थापित करने के लिए एक थाली या मिट्टी से बना पात्र भी रखें. जौ या गेहूं के साथ जल, नया वस्त्र और कलावा रखें.
इस विधि से करें कलश स्थापना
शारदीय नवरात्रि से एक दिन पहले घर को अच्छे से साफ करें फिर नवरात्री के दिन स्नान-ध्यान करें.
इसके बाद ईशान कोण में एक चौकी रखें और उसपर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और उसपर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें.
ऐसा करने के बाद एक-एक करके माता को जल, अक्षत, सिंदूर, गंध, पुष्प, धुप, दीप इत्यादि अर्पित करें.
फिर शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से कलश स्थापना करें और अखंड ज्योति जलाएं.
पूजा के बाद मां दुर्गा का चालिशा पाठ करें और अंत में मां दुर्गा की आरती करें