Republic Day 2024: देश इस बार मनाने जा रहा है 75वां गणतंत्र दिवस, यहां जानें कौन थे भारत के पहले मुख्य अतिथि
26 जनवरी 2024 को भारत 75 वा गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है, जिसमें मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन होगे। इस बार 2024 में मनाए जा रहे गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर भारत की एकता, अखंडता, संस्कृति विविधता और सैन्य ताकत की पूरी झलक होने वाली परेड में देखी जाएगी। इस साल 26 जनवरी पर होने वाले कार्यक्रम में कई बड़े-बड़े लोग आने वाले हैं साथ ही अलग-अलग राज्यों की झांकियां देखने को मिलने वाली है।
दरअसल पहली बार उत्तर प्रदेश सूबे की झांकी में अयोध्या के भव्य राम मंदिर को भी प्रदर्शित किया जाएगा। दिखाई जाने वाली झाकियों के जरिए हर राज्य अपनी-अपनी संस्कृति और परिवेश से परिचित कराने वाला है।
सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस कहां मनाया गया?
आपको बता दें कि 75 सालों से देश में मनाएं जाने वाला गणतंत्र दिवस सबसे पहले 26 जनवरी के दिन दिल्ली के पुराने किले के सामने बने इर्विन स्टेडियम में मनाया गया था। इस दौरान वहां पर झंडा फहराते हुए परेड को सलामी दी गई थी। तभी से प्रत्येक वर्ष भारत के लोग 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मानने लगे थे। इस दिन हर साल भारत में अलग-अलग देशों के प्रमुख मुख्य अतिथि आते हैं।
प्रथम बार भारत में मनाए गए गणतंत्र दिवस पर कौन बनकर आए थे मुख्य अतिथि?
यह तो आप सभी लोग जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। लेकिन उस समय हमारे पास अपना कोई सविधान नहीं था, किसी देश को चलाने के लिए सविधान का होना जरूरी होता है। संविधान किसी भी देश का मूलभूत कानून होता है। इसलिए स्वतंत्रता मिलने के पश्चात डा. भीमराव अंबेडकर ने एक समिति का गठन किया जिसके चलते भारत के संविधान के निर्माण में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे। यह प्रक्रिया 9 दिसंबर 1946 को शुरू की गई थी और यह 26 नवंबर 1949 को समाप्त हुई। और यह और यह संविधान 26 जनवरी को लागू किया गया। बता दें कि इस समय भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु थे बता दें कि इस साल भारत के पहले गणतंत्र दिवस को देखने के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो भारत आए हुए थे। इस दौरान संविधान की सभा की कई सभाएं हुई थीं और संविधान की प्रति पर 284 सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर किए थे।
आपको बता दें कि 26 जनवरी 1950 में यह संविधान लागू हुआ था और इसी दिन को हम सभी लोग गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। जब सविधान लागू हुआ तो उस समय देश को पहले राष्ट्रपति के तौर पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद मिले थे। साथ ही इसी दिन राष्ट्रपति पद की शपथ भी दिल्ली के पुराने किले के सामने बने इरविन स्टेडियम में ली गई थी और तिरंगा फहराया गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस पुराने किले के पास स्थित इरविन एम्फीथिएटर में पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया था उसी को अब मेजर ध्यानचंद स्टेडियम के नाम से जाना जाता है।