सिकंदराबाद। शुक्रवार को चंद्रकांता महाविद्यालय पीर बियावानी के राजनीति विज्ञान विभाग में संविधान दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम मुख्य वक्ता श्रीमान योगेंद्र कुमार उप प्रधानाचार्य गेसूपुर इंटर कॉलेज एवं महाविद्यालय के प्राचार्य के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
उक्त अवसर पर श्री योगेंद्र कुमार ने संविधान की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह भारत का संविधान ही है जिसके बल पर यह देश चाँद सितारों की दुनियाँ तक अपनी आभा को पहुंचाने में समर्थ रहा है। इस क्रम में इन्होंने भारतीय संविधान की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कतिपय पश्चिमी आलोचकों को करारा जवाब देते हुए कहा कि भारतीय संविधान न केवल अनूठा और सुंदर है बल्कि व्यक्ति के व्यक्तित्व में सहायक और समर्थ भी है। परिणामस्वरूप यह देश अमेरिका, ब्रिटेन व जापान आदि देशों के साथ समानता के साथ खड़ा है।
अपने उद्बोधन में प्राचार्य ने इस अवसर पर एक अनूठा प्रयोग किया। उन्होंने उपस्थित छात्रों को आह्वान किया कि अगर श्रोताओं ने किसी भी प्रकार की जिज्ञासा है तो उसे मंच पर प्रस्तुत करें। फलस्वरूप छात्रों में एक अलग ऊर्जा का संचार हुआ और बारी-बारी से अनेक छात्र-छात्राओं ने अपनी जिज्ञासा एवं शंकाओं को व्यक्त किया।
तदुपरान्त अपने उद्बोधन में प्राचार्य ने कहा कि व्यक्ति को व्यवस्थित रहने का उद्देश्य ही संविधान है। संविधान लिखित हो या अलिखित लेकिन भाव एक ही है यह राष्ट्र को संबल प्रदान करता है और व्यक्ति अपने आप को सुरक्षित एवं व्यवस्थित रखता है। आज भारत ही एक ऐसा मुल्क है जो राज्य व्यस्था को दर्शन के आधार पर व्यवस्थित किया है। इसलिए भारत का संविधान विशाल है और देश को मजबूती प्रदान करता है। भारत का संविधान सभा में महान विभूतियों ने सभी प्रश्नों के गुण-दोष, व्यवस्था-अव्यवस्था व लाभ-हानि आदि पर विशेष मंथन के उपरांत ही भारत को एक नई संवैधानिक व्यवस्था में पिरोकर एक ठोस आधार दिया।