धान खरीद घोटाले के खिलाफ भाकियू कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, तहसील स्तर पर आंदोलन की चेतावनी

शाहबाद (रामपुर)। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के कार्यकर्ताओं ने धान खरीद में फर्जीवाड़े और अन्य किसान समस्याओं को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया और तहसीलदार पर किसानों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपा। भाकियू कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर धान माफिया पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो बिलासपुर और शाहबाद तहसील में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन में प्रदर्शन
प्रदेश महासचिव हसीब अहमद और प्रदेश सचिव के नेतृत्व में कार्यकर्ता लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन पहुंचे और धान खरीद घोटाले समेत विभिन्न समस्याओं को लेकर विरोध दर्ज कराया। पंचायत को संबोधित करते हुए हसीब अहमद ने कहा कि तहसीलदार किसानों का शोषण कर रहे हैं और धान खरीद प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर फर्जीवाड़े की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो हर तहसील में उग्र आंदोलन होगा। इसके अलावा, 24 मार्च को बिलासपुर में होने वाली महापंचायत को सफल बनाने की अपील भी की गई। बाद में एसडीएम के माध्यम से तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन के मुख्य बिंदु:
किसानों से हो रही अवैध वसूली पर रोक लगाई जाए और उत्पीड़न करने वालों पर कार्रवाई हो।
धान खरीद में हुए फर्जीवाड़े की जांच कर दोषी माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जाए।
किसानों को भारी भरकम बिजली बिल भेजे जा रहे हैं, उनकी जांच कर समाधान किया जाए।
किसानों की खतौनी और आधार कार्ड में गलत नामों को सही कराया जाए।
रमपुरा बिजली घर को शीघ्र चालू किया जाए और वहां के अवैध कब्जे हटवाए जाएं।
पंचायत में मौजूद प्रमुख किसान नेता:
इस प्रदर्शन में प्रदेश सचिव मोहम्मद तालिब, दरियाव सिंह, राहत खान, प्रमोद कुमार यादव, अशोक कुमार, डॉ. पप्पू सिंह यादव, डॉ. फूल सिंह, गणेश पांडे, लखविंदर सिंह, सुरेंद्र सिंह, मनजीत सिंह अटवाल, नवजीत सिंह, तौकीर, जोगिंदर सिंह, सुरेश चंद, शंकर लाल, अशोक कुमार, कमरुद्दीन, अंसार अली, कृपाल सिंह, कासिम अली, जुगनू, हसरत खान, सुरेश, अखलाक खान, बुंडू फौजी, सरफराज हुसैन, हरपाल यादव, सप्पू खान समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

भाकियू ने साफ कर दिया कि अगर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन तेज होगा और आगामी महापंचायत में बड़े फैसले लिए जाएंगे।

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