लेखक और पत्रकार ख़ुशवंत सिंह पोस्टकार्ड पर जवाब देते थे- उन्होंने मेरी किताब “हरियाणा के लालो के सबरंगे क़िस्से” की समीक्षा पोस्टकार्ड पर भेजी थीं

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा -पवन कुमार बंसल

पोस्टकार्ड के दिन-प्रख्यात लेखक और पत्रकार खुशवंत सिंह पोस्टकार्ड पर और अपनी लिखावट में जवाब देते थे। उन्होंने सत्ताईस साल पहले हरियाणा की राजनीति, संस्कृति और शासन पर मेरी किताब “हरियाणा के लालों के सबरंग किस्से” की समीक्षा की थी। उन्होंने मुझे 13 फरवरी 98 को एक पत्र लिखा था” प्रिय पवन, हालाँकि मैं बड़ी मुश्किल से हिंदी पढ़ पाता हूँ, लेकिन मैं हरियाणा के लालों के बारे में आपके उपाख्यानों को पढ़ने में कामयाब रहा-जिनमें से सभी को मैं जानता था। मुझे आपका संकलन बहुत अच्छा लगा। यह काफी मनोरंजक था, बधाई। आपका, खुशवंत सिंह।” पत्र मेरी बेशकीमती संपत्ति है। उन्होंने मुझे इसे अंग्रेजी में लिखने की सलाह दी ताकि अंग्रेजी पाठक भी आनंद ले सकें।

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