भोपाल: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सहभागिता की और उद्योगपतियों तथा उपस्थितजनों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसके प्राण हैं। शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि किसानों की सेवा उनके लिए भगवान की पूजा के समान है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के कृषि क्षेत्र की प्रगति की बात करते हुए कहा कि आज एग्रीकल्चर और एलाइड सेक्टर की ग्रोथ 4.5% से ऊपर है और हार्टिकल्चर में यह 5% से अधिक है। उन्होंने गर्व के साथ यह भी बताया कि भारत आज कृषि क्षेत्र में दुनिया में नंबर वन है।
शिवराज सिंह चौहान ने खुद को एक किसान बताते हुए कहा, “मैं हर महीने अपने खेतों में जाता हूं, जहां शिमला मिर्ची, टमाटर और फूलों के पौधे लगाए गए हैं। इससे मुझे किसानों की समस्याएं समझने में मदद मिलती है और मैं उन्हें हल करने के लिए प्रयासरत रहता हूं।” उन्होंने खाद्य तेल और प्याज के आयात-निर्यात पर सरकार की नीतियों का भी जिक्र किया और कहा कि केंद्र सरकार किसानों के लिए उचित आयात-निर्यात नीति बनाएगी।
मध्य प्रदेश के बारे में बात करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह राज्य जल, वन और खनिज संपदा से भरपूर है। उन्होंने मध्य प्रदेश के बासमती चावल और शरबती गेहूं की प्रसिद्धि का भी उल्लेख किया, जो दुनिया भर में प्रसिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश अब पिछड़ा और बीमारू राज्य नहीं है, बल्कि विकास के नए आयामों को छूने वाला राज्य बन चुका है।
शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश को निवेशकों की पसंदीदा डेस्टिनेशन बताते हुए कहा कि यहां के कृषि उत्पाद जैसे फल, सब्जियां, मालवा का आलू, जबलपुर का मटर, और जैविक खेती के क्षेत्र में निवेश के लिए कई अवसर हैं। उन्होंने निवेशकों से अपील की कि वे मध्य प्रदेश में खेती के क्षेत्र में निवेश करें, जहां सरकार उन्हें सारी सुविधाएं प्रदान कर रही है।
अंत में, उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी टीम को इस समिट की सफलता के लिए बधाई दी और कहा कि कृषि और हार्टिकल्चर के क्षेत्र में भारत सरकार हर संभव सहयोग करेगी।