सीतामढ़ी : सीतामढ़ी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन धूमधाम से किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, और इसके बाद प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए मातृभाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अपनी अस्मिता की सुरक्षा के लिए मातृभाषा को जीवित रखना अत्यंत आवश्यक है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति
इस अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें प्रथम और तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। मैकेनिकल विभाग के छात्र अमित ने “अइसन आपन है बिहार” पर नृत्य प्रस्तुत किया, वहीं सुजैन, अन्नू, काजल, अस्मिता और श्वेता ने अवधी, पंजाबी और गुजराती लोकनृत्यों की प्रस्तुति से सभी का दिल जीता।
गीत और भाषणों का आयोजन
सीएसई विभाग की छात्रा दुर्गा ने मैथिली गीत प्रस्तुत किया, तो आदित्य ने राजस्थानी गीत गाकर सभी का ध्यान आकर्षित किया। आशुतोष, रौशन और चिंटू गिरी ने पीपीटी के माध्यम से बिहार की भाषा और संस्कृति की झलक प्रस्तुत की। आयुष और घनश्याम ने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता, भाषा और रहन-सहन को दर्शाया।
भाषण और कला प्रदर्शनी
भाषण प्रतियोगिता में कामरान और शाहज़ैब ने अपनी मातृभाषा उर्दू, राहुल ने भोजपुरी, कंचन और मनोज ने मैथिली, आयुष ने संस्कृत, आयुषी ने अंग्रेजी और खुशबू ने हिंदी भाषा में अपनी अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम के साथ ही कला की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें विभिन्न भाषाओं की लिपियां, हस्तकला, मधुबनी चित्र और बिहार की सांस्कृतिक विरासत की प्रस्तुति थी।
समारोह की समाप्ति और आयोजनकर्ता
मंच संचालन एआईएमएल के छात्र धर्मराज ने किया। इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक सुशील कुमार तिवारी, जिज्ञासा, अंशुमाला, मिथिलेश मांझी और इवेंट कॉर्डिनेटर डॉ. आरती कुमारी भी उपस्थित थे।