गुस्ताखी माफ़ हरियाणा- पवन कुमार बंसल
अपना कीमती समय निकाल कर वीडियो सुनें। गुरुग्राम के प्राइम गोल्फ कोर्स रोड पर उल्लावास, कादरपुर, बहरामपुर सहित एक दर्जन गांवों के किसानों की जमीन को बिल्डरों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तत्कालीन हरियाणा सरकार की मिलीभगत से भूमि अधिग्रहण कानून के तहत अधिग्रहण की धमकी देकर हड़प लिया।
बिल्डरों को कॉलोनियों के निर्माण के लिए लाइसेंस दे दिए गए। मुख्यमंत्री कार्यालय तक पूरी सरकारी मशीनरी बिल्डरों के आगे नाचती रही रही। लाइसेंस देने की फाइल एक ही दिन में टाउन प्लानर जेएस रेडू से लेकर निदेशक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग टीसी गुप्ता और वित्तायुक्त डीएस ढेसी तक पहुंच गई। उसी शाम को मुख्यमंत्री के तत्कालीन निजी सचिव छत्तर सिंह ने फाइल को इस नोट के साथ मंजूरी दे दी कि “मुख्यमंत्री ने देखा है और उन्होंने मंजूरी दे दी है”। किसान पंद्रह साल से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं और मामला सीबीआई कोर्ट पंचकूला में है। पीड़ित किसान राम बाबू अंबावता जो कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, ने बताया कि “हालांकि किसानों को न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा हैं लेकिन” न्याय में देरी न्याय से इनकार करने के समान है।