साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध पर गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक

नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध’ विषय पर गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, बंडी संजय कुमार, समिति के सदस्य, केन्द्रीय गृह सचिव और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में ‘साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध’ से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।

बैठक में अमित शाह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के कारण साइबर हमलों में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि साइबर स्पेस एक जटिल नेटवर्क है, जिसमें ‘सॉफ्टवेयर’, ‘सर्विसेज’ और ‘यूजर्स’ का एक जाल है, और जब तक इन तीनों के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी को नियंत्रित नहीं किया जाएगा, तब तक साइबर समस्याओं का समाधान संभव नहीं है। अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय द्वारा साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम अब एक ‘बॉर्डरलेस’ और ‘फॉर्मलेस’ समस्या बन चुका है, जिसका कोई भौगोलिक या तय स्वरूप नहीं है। अमित शाह ने भारत की डिजिटल क्रांति के आकार और स्केल को समझते हुए कहा कि हमें साइबर क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक मजबूत दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

अमित शाह ने कहा कि देश में अब 95 प्रतिशत गाँव डिजिटल रूप से कनेक्ट हो चुके हैं, और 1 लाख ग्राम पंचायतें वाई-फाई हॉटस्पॉट से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या पिछले दस वर्षों में 4.5 गुना बढ़ी है और डिजिटल लेन-देन में भारत की हिस्सेदारी दुनिया में सबसे अधिक है।

गृह मंत्री ने साइबर अपराध से निपटने के लिए चार प्रमुख रणनीतियों—Convergence, Coordination, Communication, और Capacity—को अपनाया है। उन्होंने कहा कि इन रणनीतियों के तहत विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।

उन्होंने साइबर अपराध से निपटने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल देते हुए समिति के सदस्यों से I-4C की हेल्पलाइन 1930 का प्रचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भी बताया कि 1930 हेल्पलाइन कार्ड ब्लॉक करने जैसी सुविधाएं प्रदान करती है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग और बैंकों के साथ समन्वय से म्यूल अकाउंट्स की पहचान करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। इसके अलावा, म्यूल अकाउंट को सक्रिय होने से पहले ही बंद करने की योजना बनाई गई है। गृह मंत्री ने साइबर अपराध के प्रति सतर्कता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘रुकें, सोचें और फिर कार्रवाई करें’ के मंत्र को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता बताई।

Meeting of the Parliamentary Consultative Committee of the Ministry of Home Affairs on Cyber ​​Security and Cyber ​​Crime

बैठक में I4C पोर्टल पर दर्ज FIRs और साइबर अपराध रोकने के लिए उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की गई, जिसमें 1 लाख 43 हजार FIRs दर्ज की गईं और 19 करोड़ से अधिक लोग पोर्टल का उपयोग कर चुके हैं। 805 ऐप्स और 3266 वेबसाइट्स को ब्लॉक किया गया और 399 बैंक और वित्तीय मध्यस्थों को जोड़ा गया।

संपूर्ण बैठक में, समिति के सदस्यों ने साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध से संबंधित मुद्दों पर सुझाव दिए और सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की सराहना की।

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