सनातन आस्था का सबसे बड़ा पर्व महाकुंभ इस समय प्रयागराज में मनाया जा रहा है, जहां लोग त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए दूर-दूर से पहुंच रहे हैं। इस पवित्र अवसर पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है, क्योंकि मान्यता है कि गंगा में डुबकी लगाने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। हालांकि, गंगा स्नान के दौरान कुछ धार्मिक नियमों का पालन करना भी आवश्यक है।
गंगा में स्नान करते समय कितनी डुबकियां लगानी चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार, गंगा में 3, 5 या 7 बार डुबकी लगानी चाहिए। इन डुबकियों को परम पुण्य देने वाला माना जाता है। यह संख्या व्यक्ति की श्रद्धा और आस्था पर निर्भर करती है।
गंगा स्नान का सही तरीका:
गंगा स्नान करते समय यह ध्यान रखें कि सीधे पानी में प्रवेश न करें। पहले मां गंगा की स्तुति करें, फिर धीरे-धीरे पानी में उतरें। इससे शारीरिक और मानसिक शुद्धता प्राप्त होती है।
गंगा स्नान के समय जाप करने वाला मंत्र:
गंगा स्नान करते समय ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू’ मंत्र का जाप करें। यह मंत्र पुण्य की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
गंगा स्नान के विशेष अवसर:
एकादशी, पूर्णिमा, गंगा दशहरा, मौना अमावस्या, शिवरात्रि और बसंत पंचमी जैसे पवित्र अवसरों पर गंगा स्नान अत्यधिक शुभ माना जाता है।
दान का महत्व:
गंगा में स्नान के बाद सामर्थ्य अनुसार दान भी देना चाहिए। इससे पुण्य का संग्रह होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
नोट: यह सभी जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, जो गंगा स्नान के महत्व को समझने और उसका सही तरीके से पालन करने में मदद करती है।