प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक, नए आयकर बिल को मंजूरी की संभावना

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कल (शुक्रवार) केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली है, जिसमें नए आयकर बिल को मंजूरी मिल सकती है। इसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा। यह नया बिल 1961 के पुराने आयकर कानून की जगह लेगा, जो अब तक देश में लागू है।

नए कानून की आवश्यकता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में आम बजट 2025-26 में यह घोषणा की थी कि देश को एक नए आयकर कानून की आवश्यकता है। इसके लिए एक समीक्षा कमेटी बनाई गई थी, जो अब नए कानून का मसौदा तैयार कर चुकी है। यह नया कानून 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से होगा और इसे लोगों के लिए सरल और समझने में आसान बनाया जाएगा।

12 लाख रुपये तक की आय होगी टैक्स फ्री नए आयकर बिल के अनुसार, 12 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री होगी। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में इस बात की घोषणा की थी, और कहा था कि यह नया बिल टैक्स सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए लाया जाएगा।

सरलीकरण का बड़ा कदम नए आयकर बिल को सरल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। वर्तमान आयकर कानून में लगभग 6 लाख शब्द हैं, जबकि नए बिल में यह घटकर सिर्फ 3 लाख शब्द रह जाएंगे। इससे करदाताओं को इसे समझने में आसानी होगी। सरकार का लक्ष्य है कि इसे इतना सरल बनाया जाए कि आम आदमी भी बिना किसी कठिनाई के इसे समझ सके।

1961 के कानून का इतिहास आयकर कानून 1 अप्रैल 1962 को लागू हुआ था और इसके बाद कई बार इसमें संशोधन किए गए थे, जिससे यह जटिल हो गया था। अब सरकार ने इस कानून को नया रूप देने की आवश्यकता महसूस की है, ताकि यह जनता के लिए सुलभ और समझने में आसान हो।

पुरानी टैक्स रिजीम पर कोई असर नहीं नए आयकर बिल के लागू होने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या पुरानी टैक्स रिजीम समाप्त हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार, सरकार इस पर कोई जल्दबाजी में बदलाव नहीं करेगी, क्योंकि 78 प्रतिशत टैक्सपेयर पहले ही नई टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो चुके हैं।

निवेश को बढ़ावा नए टैक्स कानून का उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देना भी है। सरकार चाहती है कि लोग म्यूचुअल फंड, एसआईपी, और शेयर मार्केट जैसे विकल्पों में निवेश करें, जिससे बाजार में क्रयदारी बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।

गौरतलब है कि नए आयकर बिल से टैक्सपेयर को राहत मिलेगी और इसे सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इसके लागू होने से आम लोगों को भी इसका पालन करना आसान होगा।

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