दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार किस पार्टी का पलड़ा भारी रहेगा, यह सवाल सबके मन में है। आइए, जानते हैं उन पांच महत्वपूर्ण फैक्टरों के बारे में जो इस चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं:
1. दलित वोट
दिल्ली में लगभग 20% दलित वोट है, जो मुख्य रूप से झुग्गियों और झुग्गी-झोपड़ियों में बसा हुआ है। पहले AAP ने इस वोट बैंक को पूरी तरह से अपने पक्ष में किया था, लेकिन इस बार BJP ने यहां कुछ पैठ बनाई है। BJP का यह दावा है कि इस बार दलित वोट में बंटवारा हो सकता है, खासकर क्योंकि उन्होंने झुग्गीवासियों को पक्का घर देने और मुफ्त पानी- बिजली की योजना जारी रखने का वादा किया है। हालांकि AAP का कहना है कि दलित वोट अब भी उनके पक्ष में रहेगा, और इस वोट बैंक से उन्हें 50 से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं।
2. मुस्लिम वोट
दिल्ली में लगभग 13% मुस्लिम वोट हैं, जिनका इस चुनाव में महत्वपूर्ण योगदान होगा। पिछले दो चुनावों में मुस्लिम वोट AAP के पक्ष में एकजुट हो चुका था और इस बार भी ऐसा ही होने की संभावना है। कांग्रेस ने इस बार कमजोर चुनाव प्रचार किया है और इसका मुस्लिम वोट पर कोई खास असर नहीं हुआ। AAP को इस वोट बैंक में पूरा समर्थन मिल सकता है, जो BJP के लिए एक बड़ा नुकसान होगा।
3. मध्यवर्गीय वोट
दिल्ली का 40% वोटर मध्यवर्ग से है और यह वोट बैंक इस बार BJP के पक्ष में खड़ा हो सकता है। दिल्ली की खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़कें, सफाई और जलापूर्ति की स्थिति पर मध्यवर्गीय वोटरों की शिकायतें हैं। BJP ने इस वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए आरडब्ल्यूए, व्यापारी संघों और सरकारी कर्मचारियों से समर्थन हासिल करने की कोशिश की है। इसके अलावा, भाजपा ने आयकर में छूट देने का वादा भी किया है, जो मध्यवर्ग के लिए एक अतिरिक्त आकर्षण हो सकता है।
4. फ्रीबी और लाभ
फ्रीबी योजनाएं इस चुनाव का एक अहम मुद्दा बन चुकी हैं। BJP ने अपनी रणनीति बदली है और अब वह AAP के मुफ्त बिजली-पानी की योजनाओं को ‘रेवाड़ी’ कहने की बजाय, इन योजनाओं को जारी रखने का वादा कर रही है। BJP ने महिलाओं के लिए 2500 रुपये महीने देने का वादा किया है, जबकि AAP ने 2100 रुपये देने का वादा किया है। दोनों पार्टियां अपने वादों के साथ लोगों को लुभाने की कोशिश कर रही हैं, और यह फ्रीबी नीति इस चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकती है।
5. मुख्यमंत्री का चेहरा
इस चुनाव में सबसे बड़ा सवाल यह है कि मुख्यमंत्री के तौर पर कौन लोगों का विश्वास जीतेगा। AAP के पास अरविंद केजरीवाल का चेहरा है, जो पार्टी के लिए एक मजबूत दावेदार हैं। BJP के पास कोई स्पष्ट सीएम उम्मीदवार नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के विकास के लिए एक डबल इंजन सरकार का वादा किया है। हालांकि, AAP के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप और शेषमहल विवाद ने केजरीवाल की छवि को थोड़ा नुकसान पहुंचाया है, लेकिन AAP समर्थक इसे नजरअंदाज करते हैं।
दिल्ली में इस बार मुकाबला कड़ा है और यह दोनों प्रमुख दलों के बीच एक जबरदस्त टक्कर का चुनाव हो सकता है। यदि झुग्गी वोट और मुस्लिम वोट पूरी तरह से AAP के साथ रहे, तो पार्टी को बड़ी जीत मिल सकती है, लेकिन अगर इन वोटों में बंटवारा हुआ और मध्यवर्ग BJP के पक्ष में खड़ा हुआ, तो परिणाम उलट भी सकते हैं।