नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपना आठवां बजट पेश करते हुए ऐलान किया कि नया टैक्स बिल अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा। यह बिल 2025 से डायरेक्ट टैक्स में बदलाव लागू करेगा और वर्तमान आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि नई टैक्स व्यवस्था के तहत कर कानूनों को सरल बनाया जाएगा, गैर-जरूरी धाराओं को हटाया जाएगा और भाषा को आम नागरिकों के लिए सहज बनाया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे टैक्सपेयर्स के लिए कर प्रणाली अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक हो जाएगी, साथ ही कानूनी विवादों में भी कमी आएगी।
तीसरी बार हो रहा है आयकर अधिनियम में बदलाव का प्रयास
यह तीसरी बार है जब सरकार आयकर अधिनियम को फिर से तैयार करने की कोशिश कर रही है। 2010 में प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक पेश किया गया था, और मोदी सरकार ने भी विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी। हालांकि, उस समय समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई थी और न ही उसकी सिफारिशों को लागू किया गया।
पुरानी और अप्रासंगिक धाराओं को किया जाएगा खत्म
नए कानून के तहत हजारों गैर-जरूरी प्रावधानों को हटाने की योजना है, जिससे करदाताओं के लिए नियमों को समझना आसान होगा। सरकार ने समिति को निर्देश दिया है कि नया टैक्स कानून आम लोगों के लिए सरल और सुगम हो।
फिलहाल सरकार नए विषयों को शामिल करने की योजना पर विचार नहीं कर रही है, लेकिन मौजूदा कर ढांचे को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया जा रहा है।