गणतंत्र एवं स्वतंत्रता दिवस पर कवि सम्मेलन और मुशायरे के गिरते स्तर पर शायरों और कवियों ने जताई चिंता
बदायूं: गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नगर पालिका प्रांगण में आयोजित होने वाले कवि सम्मेलन और मुशायरे के गिरते स्तर पर शायरों और कवियों ने सार्वजनिक रूप से चिंता व्यक्त की। कार्यक्रम में रचनाएँ सुनाने को अब एक औपचारिकता मान लिया गया है, और इस स्थिति का जिम्मेदार संयोजक मंडल को ठहराया गया है। कवि भूराज सिंह लायर ने कहा कि इस कार्यक्रम का स्तर लगातार गिर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोजन केवल व्हाट्सएप औपचारिकताओं तक सीमित हो गया है, जिससे यह कार्यक्रम अपनी असल भूमिका से हटकर सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गया है। इसके समाधान के लिए उन्होंने एक शिष्ट मंडल को जिलाधिकारी से मिलकर कार्यक्रम के स्तर को सुधारने का सुझाव दिया।
संयोजकों की अनुपस्थिति और कार्यक्रम की उपेक्षा
समाजसेवी और साहित्यकार शम्सुद्दीन शम्स, डॉ. नासिर बदायूंनी, डॉ. अरविंद धवल, और डॉ. मनवीर सिंह ने भी इस बात पर चिंता जताई कि कार्यक्रम में संयोजकों की संख्या में वृद्धि के बावजूद उनका सक्रिय भागीदारी में कोई सुधार नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान कई संयोजक अपनी रचनाएं सुनाकर कार्यक्रम से चले जाते हैं, जिससे कार्यक्रम का स्तर प्रभावित हो रहा है। इस विषय में जिलाधिकारी से संज्ञान लेने का आग्रह किया गया।
संयोजकों की अनुपस्थिति पर नाराजगी
कार्यक्रम में नौ संयोजकों में से मात्र दो ही उपस्थित रहे, जबकि नगर पालिका के ईओ समेत छह सहयोजकों में से अंत में केवल दो ही उपस्थित रहे। इस पर शायरों और कवियों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
शिष्ट मंडल का जिलाधिकारी से मिलकर सुधार की मांग
इस मुद्दे को लेकर तय किया गया कि डॉ. मनवीर सिंह के नेतृत्व में एक शिष्ट मंडल जिलाधिकारी से मिलेगा और उन्हें अनुपस्थित रहने वाले या सिर्फ औपचारिकताएं निभाने वाले संयोजक टीम के सदस्यों के बारे में अवगत कराएगा, ताकि भविष्य में कार्यक्रम का स्तर सुधर सके।