इंडियन एयरफोर्स के शुभांशु शुक्ला होंगे नासा के एग्जियम मिशन 4 के पायलट

नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को नासा के एग्जियम मिशन 4 (Ax-4) के लिए पायलट चुना गया है। वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय बनेंगे। यह मिशन अप्रैल से जून 2025 के बीच 14 दिन तक चलेगा और स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट द्वारा संचालित किया जाएगा।

शुभांशु शुक्ला वर्तमान में इसरो के गगनयान मिशन के लिए भी ट्रेनिंग ले रहे हैं। इस मिशन की कमांड नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन संभालेंगी। यह मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी और अंतरिक्ष अभियानों में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस मिशन की लॉन्चिंग केनेडी स्पेस सेंटर से होगी।

कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे 38 वर्ष के हैं। उनकी प्रारंभिक सैन्य शिक्षा राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में हुई। उन्होंने 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त किया।

वे एक फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट हैं।
उनके पास 2000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है।
उन्होंने सुखोई-30MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर और एन-32 जैसे कई युद्धक विमान उड़ाए हैं।
उन्हें इसरो के गगनयान मिशन के लिए ‘प्राइम’ अंतरिक्ष यात्री के रूप में भी चुना गया था।
वे राकेश शर्मा (1984) के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे।
मिशन में कौन-कौन शामिल?
इस मिशन में चार प्रमुख अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे:

कमांडर पैगी व्हिटसन

नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री।
अब तक 675 दिन अंतरिक्ष में बिता चुकी हैं।
एग्जियम मिशन-2 (Ax-2) की भी कमांडर रह चुकी हैं।
पायलट शुभांशु शुक्ला

भारतीय वायुसेना के अनुभवी फाइटर पायलट।
इसरो के गगनयान मिशन के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री।
मिशन स्पेशलिस्ट स्लावोज उज्नान्सकी-विश्निएव्स्की

पोलैंड के वैज्ञानिक और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के एस्ट्रोनॉट रिजर्व क्लास 2022 के सदस्य।
पहले CERN के इंजीनियर भी रह चुके हैं।
मिशन स्पेशलिस्ट तिबोर कापू

हंगरी के मैकेनिकल इंजीनियर।
स्पेस रेडिएशन प्रोटेक्शन के विशेषज्ञ।
2023 में HUNOR (Hungarian-To-Orbit) मिशन के लिए चुने गए थे।
ISS पर 14 दिन रिसर्च करेगा Ax-4 मिशन
एग्जियम मिशन अंतरिक्ष में वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी परीक्षण के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।

Ax-1 (2022): पहला प्राइवेट अंतरिक्ष यात्री मिशन, जिसने 17 दिन ISS पर बिताए।
Ax-2 (2023): इस मिशन ने 8 दिन ISS पर बिताए।
Ax-3 (2024): इस मिशन ने 18 दिन ISS पर काम किया।
Ax-4 (2025): 14 दिन तक ISS पर वैज्ञानिक अनुसंधान करेगा।
यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

 

 

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