पटना: बिहार की चर्चित साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था ‘सामयिक परिवेश’ ने आज धूमधाम से अपना 19वां स्थापना दिवस समारोह मनाया। इस भव्य आयोजन का उद्घाटन बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ, वरिष्ठ साहित्यकार और लिटेरा पब्लिक स्कूल समूह की निदेशिका ममता मेहरोत्रा, लोकप्रिय लोकगायिका नीतू नवगीत और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार क़ासिम ख़ुर्शीद ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत और उद्घाटन सत्र
समारोह की शुरुआत नीतू नवगीत और राजेश के युगल गीत से हुई, जिसमें दोनों कलाकारों ने अपनी सुरीली प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। स्वागत गान मीना परिहार ने प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर अतिथियों ने ममता मेहरोत्रा के साहित्यिक योगदान की सराहना की। भगवती प्रसाद द्विवेदी ने ममता मेहरोत्रा की साहित्यिक समृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी 60 से अधिक पुस्तकों का लेखन प्रेरणादायक है।
डॉ. अनिल सुलभ ने कहा, “किसी संस्था या पत्रिका की निरंतरता बनाए रखना अत्यंत कठिन कार्य है, लेकिन ‘सामयिक परिवेश’ ने यह कार्य पिछले 18 वर्षों से निरंतरता के साथ किया है।”
अध्यक्षीय उद्बोधन में क़ासिम ख़ुर्शीद ने ममता मेहरोत्रा के जुनून और समर्पण की प्रशंसा की।
मुकेश महान ने कहा कि ‘सामयिक परिवेश’ का उद्देश्य नवोदित प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना और वरिष्ठ साहित्यकारों को सम्मान देना है।
काव्य पाठ का आयोजन
समारोह के दूसरे चरण में काव्य पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. ध्रुव कुमार, अनिल रश्मि, मीना परिहार, सविता राज, ममता मेहरोत्रा, विद्या चौधरी, सुधा सिंहा, देवव्रत अकेला, अंजनी कुमार पाठक, उमेश राज, गोपाल प्रसाद पलक सहित कुल 50 रचनाकारों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
पत्रिका का लोकार्पण
इस अवसर पर ‘सामयिक परिवेश’ पत्रिका के नए अंक का लोकार्पण भी किया गया।
समापन और संचालन
कार्यक्रम का संचालन मीना कुमारी परिहार और सविता राज ने किया। समारोह के समापन पर संस्थापिका ममता मेहरोत्रा ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह साहित्य की सेवा में मेरा एक छोटा प्रयास है, जिसे मैं भविष्य में भी निरंतर जारी रखूंगी।”
उपस्थिति और सहभागिता
इस अवसर पर बड़ी संख्या में साहित्यकार, कलाकार और साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे, जिन्होंने समारोह को यादगार बनाया।