मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिमंडल के साथ त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर लोक कल्याण की कामना की
संगम स्नान: धर्म, संस्कृति और आस्था का प्रतीक
महाकुम्भ नगर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल के साथ तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई और समूचे विश्व के कल्याण की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संगम स्नान को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह स्नान न केवल आत्मिक शांति और धार्मिक समर्पण का प्रतीक है, बल्कि समाज कल्याण का भी आह्वान करता है।
महाकुम्भ 2025: भारतीय संस्कृति की दिव्यता और सार्वभौमिकता का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ 2025 का आयोजन भारतीय संस्कृति की दिव्यता और सार्वभौमिकता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि संगम स्नान से यह संदेश मिलता है कि धर्म और संस्कृति की शक्ति से जीवन में शुद्धता और समृद्धि लाई जा सकती है। यह धार्मिक अनुष्ठान सिर्फ व्यक्तिगत शुद्धि के लिए नहीं, बल्कि समग्र लोक कल्याण के लिए है।
मंत्रिमंडल का संगम स्नान: पवित्र स्थल पर पूजा और हवन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के सभी सदस्य सबसे पहले अरैल स्थित त्रिवेणी संकुल में पूजा-अर्चना करने पहुंचे। इसके बाद, उन्होंने मोटरबोट के माध्यम से संगम पहुंचकर विधिवत मंत्रोच्चार और हवन के साथ स्नान किया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, लक्ष्मी नारायण चौधरी, धर्मपाल और अनिल राजभर सहित सभी 21 मंत्रियों ने संगम स्नान किया।
महाकुम्भ और सनातन संस्कृति का वैश्विक संदेश
मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर संस्कृत श्लोक “यत्र गङ्गा च यमुना, सरस्वती च पुण्यदा स्नानेन तत्र तीर्थे, मोक्षः स्यात् सुखमात्मनः” का उद्धारण किया और बताया कि जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है, वहां स्नान से आत्मा को मोक्ष और शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि यह स्नान जनमानस को आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करता है, साथ ही समाज में शांति, समृद्धि और समर्पण का संदेश देता है।
मंत्रिमंडल का संगम स्नान: 2019 के बाद दूसरी बार
यह दूसरा अवसर है जब योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ कुम्भ के सुअवसर पर संगम स्नान किया है। इससे पहले, 2019 में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई थी। तब, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और अन्य साधु संतों ने भी संगम में स्नान किया था।
मंत्रिमंडल बैठक: श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिए निर्णय
इससे पूर्व, योगी सरकार ने महाकुम्भ में एक विशेष कैबिनेट बैठक का आयोजन किया था। यह बैठक त्रिवेणी संकुल, अरैल में आयोजित की गई, जहां सभी 54 मंत्रियों को बुलाया गया। बैठक का स्थान मेला प्राधिकरण के सभागार से बदलकर अरैल किया गया ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, क्योंकि वीआईपी सुरक्षा के कारण मेला प्राधिकरण के सभागार में बैठक आयोजित करने से श्रद्धालुओं को परेशानी हो सकती थी।