अलवर की सिलीसेढ़ झील: सुंदर पर्यटक स्थल गंदगी की चपेट में, सरकार की सुविधाओं का हो रहा दुरुपयोग

अलवर: राजस्थान के प्रसिद्ध सिलीसेढ़ झील, जो अपने पहाड़ी क्षेत्र और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जानी जाती है, आज गंदगी और अव्यवस्था का शिकार हो गई है। सूत्रों के अनुसार, यह झील कुछ समय पहले तक शांत और कम चर्चित थी, लेकिन अब पर्यटकों और शहरी इलाकों से आए लोगों की लापरवाही के कारण इसकी स्वच्छता और सौंदर्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

गंदगी और अव्यवस्था का आलम
सरकार द्वारा पर्यटकों की सुविधा के लिए झील के आसपास बैठने की कुर्सियां और अलग से सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। लेकिन इनका सही तरीके से उपयोग नहीं हो रहा।

झील के पास बैठने की कुर्सियों पर गंदगी फैलाई जा रही है।
बंदरों को खाना खिलाने के लिए जगह-जगह चने और अन्य खाने की चीजें फेंकी जा रही हैं, जिससे कुर्सियां और बैठने के स्थान गंदे हो रहे हैं।
राज्य सरकार ने पर्यटकों के लिए कचरा डालने के अलग स्थान बनाए हैं, लेकिन लोग उनकी अनदेखी कर रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण की जरूरत
सिलीसेढ़ झील का महत्व न केवल पर्यटन के लिए है, बल्कि यह क्षेत्र के पर्यावरण का भी अहम हिस्सा है। यहां की गंदगी झील की खूबसूरती को कम करने के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रही है।

सरकार और जनता की भूमिका
राजस्थान सरकार ने पर्यटकों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, लेकिन लोगों की लापरवाही के कारण ये प्रयास निष्फल हो रहे हैं। झील क्षेत्र को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए न केवल सरकार, बल्कि आम जनता को भी जिम्मेदारी से काम लेना होगा।

अपील
झील प्रशासन और स्थानीय संगठनों ने अपील की है कि पर्यटक सिलीसेढ़ झील की स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करें।

कचरा फेंकने के लिए बनाए गए स्थानों का उपयोग करें।
झील के सौंदर्य और प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करें।
गंदगी फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।
सिलीसेढ़ झील राजस्थान की धरोहर है और इसे संजोकर रखना सभी की जिम्मेदारी है।

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