अर्जुन अवार्डी प्रीति पाल का गाँव मे पहुंचने पर ग्रामीणों ने किया स्वागत, मीरापुर विधायक ने भी गाँव में पहुंचकर दी बधाई
प्रीतिपाल की माँ ने कहा कि म्हारी छोरिया क्या छोरो से कम है
रामराज। रामराज के गांव हाशमपुर निवासी पैरा एथलीट प्रीति पाल का अर्जुन अवार्ड लेकर गांव में पहुंचने पर परिजनों व ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ कई स्थानों पर फूल-मालाएं पहनाकर स्वागत किया और एक दूसरे को मिठाईयां खिलाकर बधाईया दी।
रामराज थानाक्षेत्र के ग्राम हाशमपुर निवासी प्रीति पाल ने पेरिस में पैरालंपिक दौड़ में दो कांस्य पदक जीतकर देश का नाम विश्व में रोशन किया था। जिसके बाद खेल मंत्रालय द्वारा पैरा एथलीट प्रीति पाल को अर्जुन अवॉर्ड देने की घोषणा होते ही शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने दिल्ली में अन्य खिलाड़ियों के साथ-साथ प्रीति पाल को अर्जुन अवार्ड देकर सम्मानित किया जिसके बाद से परिवार के साथ साथ ही ग्रामीण भी प्रीति पाल का गांव में पहुचने का इंतजार कर रहे थे।
रविवार को प्रीति पाल अर्जुन अवॉर्ड के साथ अपने गाँव पहुचने से पूर्व फिरोजपुर स्थित महाभारत कालीन शिव मन्दिर में पहुची ओर यहा पूजा-अर्चना कर अपने गाँव हाशमपुर की और रवाना हुई। जहा गाँव पहुचते ही परिजनों के साथ-साथ ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों व डीजे की थाप पर जशन मनाते हुए प्रीति पाल को फूल मालाएं पहनाकर उसका भव्य स्वागत किया इस दौरान पूरे क्षेत्र में खुशी को लहर दौड़ गई।
परिजनों व ग्रामीणों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। प्रीति पाल के के काफिले का गांव में कई स्थानों पर स्वागत हुआ तथा मीरापुर विधायक मिथलेश पाल भी प्रीति पाल के आवास पर पहुंची और प्रीति पाल को अर्जुन अवॉर्ड के लिए बधाई दी वही प्रीति पाल के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। प्रीतिपाल ने कहा कि सभी को अपनी बेटियों के सपने को पूरा करने के लिए उसका साथ देना चाहिए तथा बेटे व बेटियां में फर्क नही करना चाहिए।
वही प्रीतिपाल की माँ ने कहा कि प्रीतिपाल ने अपनी मेहनत व लग्न से हमे ही नही पूरे देश को गौरवान्वित किया है म्हारी छोरिया क्या छोरो से कम है। बता दे कि रामराज थानाक्षेत्र के गांव हाशमपुर निवासी एक सामान्य परिवार में जन्मी प्रीति पाल ने पेरिस में हुए पैरालंपिक गेम्स में दो कांस्य पदक जीतकर देश के साथ-साथ पूरी दुनिया में नाम रोशन करते हुए पैरालम्पिक गेम्स में इतिहास रच दिया था। तथा इसी के साथ प्रीति पाल एक ही पैरालंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन गई है।