रुपये में रिकॉर्ड गिरावट से महंगाई सातवें आसमान पर: कुमारी सैलजा

महंगाई के कारण गरीबों की जीवनशैली प्रभावित

ऐलनाबाद: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने रुपये की गिरावट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में लगातार गिरावट आ रही है, जिससे महंगाई भी चरम सीमा पर पहुँच चुकी है। इस गिरावट के चलते आम जनता की जेब पर बुरा असर पड़ा है, और महंगाई अब सरकार के नियंत्रण से बाहर होती नजर आ रही है।

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री काल में रुपये में गिरावट

कुमारी सैलजा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वर्ष 2013 में जब डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 54 रुपये थी, तब नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया था कि रुपये में गिरावट के लिए सरकार जिम्मेदार है और देश को बचाने के लिए जनता को आगे आना होगा। लेकिन आज उन्हीं नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद रुपये की कीमत 86.53 रुपये प्रति डॉलर तक पहुँच गई है, जो एक रिकॉर्ड गिरावट है। उन्होंने बताया कि 2014 में रुपये की कीमत 60 रुपये प्रति डॉलर थी, और पिछले तीन महीनों से रुपये में लगातार गिरावट आ रही है।

केंद्र सरकार का कर्ज और बेरोजगारी पर हमला

कुमारी सैलजा ने कहा कि देश पर पहले से ही कर्ज का बोझ है, और आने वाले समय में इस बोझ में वृद्धि होने की आशंका है। सरकार विभिन्न संपत्तियों को बेचने के बावजूद कर्ज कम करने में विफल रही है। सरकार बेरोजगारी पर तो बातें करती है, लेकिन आज भी सरकारी विभागों में लाखों पद खाली पड़े हुए हैं।

रुपये की गिरावट से आम जनता पर असर

सैलजा ने कहा कि रुपये की गिरावट का असर सिर्फ सरकार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर आम जनता पर भी पड़ रहा है। जब रुपये की कीमत गिरती है, तब आयात महंगा और निर्यात सस्ता हो जाता है। इससे भारत को विदेशों से सामान खरीदने के लिए अधिक रुपये खर्च करने पड़ते हैं। खासकर कच्चे तेल और सोने की कीमतों में तेजी आ जाती है। भारत अपने कुल तेल का 80 फीसदी से अधिक आयात करता है, इसलिए रुपये की गिरावट का सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों को होता है।

महंगाई का असर गरीबों पर

कुमारी सैलजा ने कहा कि इस महंगाई के कारण गरीब वर्ग के लोग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। खाद्य पदार्थ, तेल, दाल और अन्य आवश्यक चीजों की कीमतों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे गरीबों का बजट बिगड़ चुका है। उन्होंने कहा कि महंगाई के कारण गरीबों के लिए सामान्य खाद्य पदार्थ भी उपलब्ध कर पाना अब मुश्किल हो गया है।

सरकार की विफलता और बेलगाम महंगाई

सैलजा ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि महंगाई पर नियंत्रण लगाने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है। गरीबों से ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है, और इस बीच गरीबों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।

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