ऐलनाबाद: शहर में अतिक्रमण और जाम की समस्या बनी हुई है गंभीर चुनौती
अतिक्रमण से पैदल चलने वालों को हो रही समस्या, प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस से ठोस कदम उठाने की मांग
ऐलनाबाद: ऐलनाबाद शहर के मुख्य बाजार क्षेत्रों, चौराहों और गलियों में बढ़ते अतिक्रमण ने पैदल चलने वालों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। मुख्य मार्गों और चौराहों पर दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण से सड़कों और पैदल पथों का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। जबकि समय-समय पर संबंधित विभाग अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाते रहते हैं, लेकिन अस्थाई और स्थाई अतिक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे आम जनता को काफी दिक्कत हो रही है।
दुकानों के बाहर टीनसेट से जाम की स्थिति
बाजार में दुकान के बाहर टीनसेट और अस्थाई सामान से पैदल पथ और गलियां पूरी तरह से जाम हो चुकी हैं। पक्की दुकानों के बाहर पक्के छज्जे होने के बावजूद दुकानदार अतिरिक्त टीनसेट या बेल्डिंग लगाकर अतिक्रमण करते हैं, जिससे अन्य दुकानदारों को परेशानी होती है। इसके अलावा, संकरी गलियों में मोटरसाइकिलों की अत्यधिक पार्किंग के कारण जाम की स्थिति और भी विकट हो जाती है। ऐसी स्थिति में यदि कोई आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो तो त्वरित कार्रवाई भी नहीं की जा सकती।
स्वच्छता और जल निकासी की समस्याएं
शहर के नालों पर भी लोगों ने अस्थाई सामान रख लिया है, जिससे नालों की सफाई नहीं हो पाती और बारिश के समय पानी जाम हो जाता है। इससे न केवल जलभराव की समस्या उत्पन्न होती है, बल्कि वातावरण भी प्रदूषित हो जाता है। ऐलनाबाद के पंचमुखी चौक, ममेरा चौक, देवीलाल चौक, गांधी चौक, और तलवाड़ा चौक पर पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती है, और यहां पार्किंग की अव्यवस्था से हालात और भी खराब हो जाते हैं।
चौधरी देवीलाल चौक पर सब्जी मंडी का रूप
चौधरी देवीलाल चौक, जो ऐलनाबाद का हृदय स्थल है, अब एक छोटी सब्जी मंडी का रूप धारण कर चुका है। यहां पर सब्जी और फल बेचने वाले ठेले वालों ने सड़क पर कब्जा कर रखा है, जिससे पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। इस अतिक्रमण और जाम की समस्या पर नगर पालिका प्रशासन पूरी तरह से आंखें मूंदे हुए है, और यहां तक कि जाम के कारण आम जनता में झगड़े भी हो जाते हैं, लेकिन प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
बारिश में सड़क जलभराव की समस्या
बारिश के मौसम में शहर की सड़कों पर जलभराव की समस्या और बढ़ जाती है। गांधी चौक से लेकर नगर पालिका तक की सड़कें पानी से लबालब भर जाती हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी होती है। कई दुकानों में बरसाती पानी घुसने से व्यापारी आर्थिक नुकसान का सामना कर रहे हैं। हालांकि, सड़क पुनर्निर्माण के कार्य में करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे, लेकिन इसका कोई खास फायदा नहीं हुआ और समस्या जस की तस बनी हुई है।
ठोस कार्रवाई की जरूरत
ट्रैफिक पुलिस और नगर पालिका प्रशासन से यह अपेक्षा की जाती है कि वे इस स्थिति का संज्ञान लें और ठोस कदम उठाएं। ट्रैफिक पुलिस को चौराहों और प्रमुख सड़कों पर वाहनों की पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा, ट्रैफिक पुलिस को दिन में एक-दो बार बाजार का सर्वे करना चाहिए और पंचमुखी चौक, देवीलाल चौक, ममेरा चौक, और तलवाड़ा चौक पर ट्रैफिक पुलिस के कर्मियों की ड्यूटी लगानी चाहिए। इससे यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और अतिक्रमण पर काबू पाया जा सकेगा।