रुद्राक्ष के खास नियम: जानें कब और कैसे धारण करें

धर्म शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है और इसे भोलेनाथ का आशीर्वाद माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति पर भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है, लेकिन इसे पहनने के भी कुछ खास नियम होते हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है।

सोते समय रुद्राक्ष उतारें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सोते समय इसे उतार देना चाहिए। सोते समय रुद्राक्ष पहनने से वह अशुद्ध हो जाता है। इसलिए सोने से पहले रुद्राक्ष को उतारकर सिरहाने रख दें और सुबह स्नान आदि करने के बाद इसे फिर से धारण करें।

सूतक काल में न पहनें रुद्राक्ष
रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति को सूतक काल के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। सूतक वह समय होता है जब घर में किसी बच्चे का जन्म या किसी की मृत्यु होती है। इस दौरान रुद्राक्ष पहनना अशुभ माना जाता है।

मांस-मदिरा का सेवन करते समय रुद्राक्ष न पहनें
मांस-मदिरा का सेवन करते समय रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। ऐसा करने से जातकों को अशुभ फल मिल सकते हैं। रुद्राक्ष बहुत पवित्र होता है और मांसमदिरा का सेवन करते समय इसे पहनने से यह अशुद्ध हो जाता है।

किसी का उतारा हुआ रुद्राक्ष न पहनें
अगर किसी ने अपना रुद्राक्ष पहनने के बाद उतार दिया है, तो उसे धारण नहीं करना चाहिए। किसी अन्य व्यक्ति का पहना हुआ रुद्राक्ष पहनने से शुभ फल की बजाय अशुभ फल मिल सकते हैं, इसलिए इसे पहनने से बचना चाहिए।

रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण करें
रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे गंगाजल में धो लें और फिर हाथ में गंगाजल लेकर संकल्प करें। इसके बाद ही रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए। ध्यान रखें कि रुद्राक्ष को नहाने के बाद ही पहना जाए। रुद्राक्ष धारण करने का सबसे शुभ समय सोमवार का दिन माना जाता है।

डिस्क्लेमर:
यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। इसे केवल सुझाव के तौर पर लिया जाए और कोई भी कदम उठाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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