किसान जैविक कपास खेती को दे बढ़ावा, उत्पादन व आय में होगी बढ़ोतरी: डॉ सिहाग
-जैविक कपास की खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला का आयोजन
ऐलनाबाद: केन्द्रीय कपास अनुसन्धान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, सिरसा में संयुक्त निदेशक (कपास) डा. राम प्रताप सिहाग की अध्यक्षता में जैविक कपास की खेती को बढावा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विभिन्न जिलों से कृषि विभाग उप कृषि निदेशक, विषय विशेषज्ञ (टी०एण्ड आई०), सहायक पौधा सरंक्षण अधिकारी एंव तकनीकी सहायक अधिकारी, केन्द्रीय कपास अनुसन्धान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, सिरसा के वैज्ञानिकों तथा बी०टी० बीज कम्पनियों के पदाधिकारी, इनपुट डीलर एंव कपास निगम के अधिकारियों ने भाग लिया।
संयुक्त निदेशक (कपास) डॉ राम प्रताप सिहाग ने कहा कि जैविक कपास खेती से न केवल कपास उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि किसान इससे अपनी आमदनी भी बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का भी उद्देश्य भी किसानों को जैविक कपास खेती की ओर अग्रसर करना है। उन्होंने देसी कपास का उत्पादन करके अधिक आमदनी बढाने बारे में भी किसानों को विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने किसानों को स्वयं किस प्रकार से जैविक देसी कपास का बीज तैयार कर सकते हैं, इस बारे जानकारी दी व जैविक कपास की खेती को बढावा देने के लिए विस्तृत रूप से चर्चा की।
कार्यशाला में पंजाब से आए ‘खेती विरासत मिशन ट्रस्ट’ की निदेशक श्रीमति रूपसी गर्ग, प्रगतिशील किसान राजा राम व मनवीर आदि ने जैविक कपास की खेती पर अपने-अपने अनुभवों और विचारों को सांझा किया।
केंद्रीय कपास अनुसंधान के अध्यक्ष डा. ऋषि कुमार ने उतरी भारत में पिछले वर्ष कपास की फसल के बारे में विस्तारपूवर्क चर्चा की तथा मुख्य कीटों से बचाने के लिए गत वर्ष में जैविक कपास की खेती के उत्पादन एंव भंडारण के विषय में जानकारी दी ।